रायपुर में पूजा स्थल को लेकर हिंसा, 12 पुलिसकर्मी घायल

Edited By Yaspal,Updated: 03 Mar, 2023 11:27 PM

violence over place of worship in raipur 12 policemen injured

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पूजा स्थल को लेकर हुए विवाद के बाद आदिवासी समाज के एक वर्ग ने पुलिस दल पर हमला कर दिया

नेशनल डेस्कः छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पूजा स्थल को लेकर हुए विवाद के बाद आदिवासी समाज के एक वर्ग ने पुलिस दल पर हमला कर दिया। घटना में जिले के पुलिस अधीक्षक समेत लगभग 12 पुलिस कर्मियों को चोट आई है। वहीं पुलिस के बल प्रयोग करने से कुछ ग्रामीण भी घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि जिले के भोरमदेव थाना क्षेत्र के हरमो गांव में गौरी चौरा स्थल में पूजा को लेकर हुए विवाद के बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस दल पर हमला कर दिया। इसमें करीब 12 पुलिसकर्मियों को चोटें लगी हैं। सिंह ने बताया कि भोरमदेव थाना क्षेत्र के आदिवासी समाज के लोग गौरी चौरा स्थल पर बूढ़ा देव की पूजा करते हैं। पिछले साल पूजा स्थल में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष जे लिंगो ने अपना एकाधिकार स्थापित करने के उद्देश्य से अपने आराध्य बड़ादेव का झंडा भी लगा दिया था। उन्होंने बताया कि चूंकि गांव में बूढ़ा देव की पूजा करने वालों की संख्या अधिक है इसलिए ग्रामीणों ने लिंगो का विरोध किया था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस साल 14 फरवरी को स्थानीय लोगों ने एक सामाजिक कार्यक्रम में कोरबा से आए अपने समाज प्रमुख दुर्गे भगत के नेतृत्व में पूजा स्थल में पूजा अर्चना कर अपना झंडा लगाया था। उन्होंने बताया ​कि इससे नाराज गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने दुर्गे भगत पर कार्रवाई की मांग को लेकर 15 और 20 फरवरी को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था और 23 फरवरी को भगत का पुतला जलाया था। यूनियन ने तीन मार्च शुक्रवार को महा आंदोलन की चेतावनी दी थी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन ने मामले का शांतिपूर्वक समाधान निकालने के लिए दोनों पक्षों की दो-तीन बार बैठक बुलाई थी। लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जिला प्रमुख जे लिंगो किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुआ। सिंह ने बताया कि आज गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष लिंगो के नेतृत्व में लगभग पांच सौ कार्यकर्ताओं ने जिले के राजानवागांव में सभा का आयोजन किया और हरमो गांव की ओर निकले। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तब वह अवरोधक तोड़ते हुए आगे बढ़ गए।

हरमो गांव पहुंचकर जब वह विवादित स्थल के लिए रवाना हुए तब पुलिस ने उन्हें फिर रोकने कोशिश की। तब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस दल पर पथराव कर दिया। इस घटना में पुलिस अधीक्षक, सहायक पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर समेत लगभग 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस दल ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों की मदद से भीड़ को तितर-बितर किया। इस घटना में कुछ प्रदर्शनकारियों को भी चोटें आई हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की जा रही है। सिंह ने बताया कि जब ​प्रदर्शनकारी पूजा स्थल की ओर बढ़ रहे थे तब वहां बूढ़ादेव को मानने वाले लगभग एक सौ महिला पुरुष एकत्र होकर सामाजिक रीति से पूजा पाठ कर रहे थे। यदि प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका जाता तब आदिवासी समाज के दो वर्गों के मध्य संघर्ष की स्थिति बन जाती। उन्होंने बताया कि दुर्ग क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक डॉक्टर आनंद छाबड़ा भी अतिरिक्त बल के साथ घटनास्थल पहुंच गए हैं। स्थिति नियंत्रण में है।

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