जब रात गहराती है : कश्मीर को सुरक्षित रखने के लिए जागे रहते हैं जवान

Edited By shukdev,Updated: 18 Aug, 2019 08:16 PM

when night deepens jawans keep awake to keep kashmir safe

कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित रखने के लिए अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर तैनात अर्धसैनिक बलों के जवान सुबह से शाम तक और शाम से सुबह तक हर समय चौकन्ने रहते हैं। जवानों को विषम परिस्थितियों में काफी लंबी ...

श्रीनगर: कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित रखने के लिए अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर तैनात अर्धसैनिक बलों के जवान सुबह से शाम तक और शाम से सुबह तक हर समय चौकन्ने रहते हैं। जवानों को विषम परिस्थितियों में काफी लंबी ड्यूटी करनी पड़ती है, लेकिन कश्मीर में अमन-चैन के लिए वे इसे पूरे मनोवेग से अंजाम देते हैं। रात में जब लोग सो रहे होते हैं तो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान उस समय जाग रहे होते हैं। रात के सन्नाटे में सड़कों पर उनके कदमों की आहट सुनी जा सकती है। हाथों में लाठियां लिए ये जवान कश्मीर के मुख्य शहर में गड़बड़ी के किसी संकेत को लेकर बेहद चौकन्ने रहते हैं। इन जवानों का समय श्रीनगर और समूची कश्मीर घाटी में हर रोज कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और जगह-जगह स्थापित नाकों पर जांच तथा तलाशी में निकलता है। 

PunjabKesari
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के पांच अगस्त के फैसले के मद्देनजर लगाई गई पाबंदियों में सप्ताहांत ढील दी गई। अधिकारियों ने कहा कि रात के समय जवानों के लिए चुनौतियां और बढ़ जाती हैं, लेकिन वे हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं। सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट संजीव यादव और सहायक कमांडेंट भानुशेखर उन अधिकारियों में शामिल हैं जो समूचे शहर में पूरी रात अकसर गश्त करते रहते हैं। यादव उत्तर प्रदेश और भानुशेखर बिहार के रहने वाले हैं।

PunjabKesari
डल झील के आसपास अंदरूनी क्षेत्रों में अपनी टीम के साथ गश्त कर रहे यादव ने कहा, ‘उपचार से सावधानी बेहतर है।' यादव ने कहा कि बात सिर्फ गश्त की नहीं है। अर्धसैनिक बल के जवान के लिए दिन की शुरुआत काफी पहले हो जाती है क्योंकि सुबह की तैनाती सूर्य निकलने से पहले करनी होती है। यह पता लगाने के लिए विशेष सावधानी बरतनी होती है कि कहीं आतंकवादियों ने आईईडी न लगा दिए हों। केंद्र के पांच अगस्त के फैसले के बाद समूचे शहर, खासकर उन संवेदनशील इलाकों में अवरोधक लगा दिए गए जहां सुरक्षाबलों पर अकसर पथराव होता है। अधिकारियों ने बताया कि अर्धसैनिक बलों की 24 घंटे तैनाती की रणनीति का परिणाम यह निकला कि पथराव की घटनाएं सीमित होकर ‘मुहल्ला' स्तर तक रह गई हैं। 

PunjabKesari
श्रीनगर के सेकिदाफर क्षेत्र के पास सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की तैनाती है। इसके सहायक उपनिरीक्षक पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि जहां वह तैनात हैं, वह नाका चार और पांच अगस्त की दरम्यानी रात स्थापित किया गया। कुमार हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘गलियों से युवाओं का छोटा समूह निकलता है और हम पर पथराव कर भाग जाता है।' उनके वरिष्ठ खोब्राम द्राई ने कहा कि चुनौतियां अनेक हैं। द्राई अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। सेकिदाफर के पास एसएमएचएस अस्पताल जाने वाले रास्ते की सुरक्षा में तैनात द्राई और उनकी टीम को यह सुनिश्चित करना होता है कि रास्ता निर्बाध रहे और वहां कोई खतरा न हो। उन्होंने कहा, ‘यहां लोग इलाज के लिए आते हैं और हम नहीं चाहते कि अस्पताल में उनके प्रवेश में कोई देरी हो। कुछ शरारती तत्व इस बात को नहीं समझते। हम आसपास के बजुर्गों से मिल रहे हैं, लेकिन ज्यादा कुछ नहीं बदला है।'

PunjabKesari
समूचे शहर में सतर्क जवान दिनभर चहलकदमी करते देखे जा सकते हैं। जामा मस्जिद के बाद दूसरी सबसे पुरानी अली मस्जिद के पास स्थापित एक नाके पर गतिविधियां देखी जा सकती हैं। मध्य कश्मीर के गांदेरबल से श्रीनगर जाने के लिए यह मुख्य प्रवेश बिन्दु है। यहां सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट भानुशेखर टॉर्च जलाकर सभी वाहनों की बड़ी बारीकी से तलाशी करते दिखते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त चौकसी बरतनी पड़ती है कि शहर में कोई भी आतंकवादी या गोला-बारूद न आने पाए। भानुशेखर ने कहा, ‘आप देखिए, यह सड़क मुख्य हिस्से के अंदरूनी क्षेत्रों को जोड़ती है। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।' 

PunjabKesari
उन्होंने कहा कि घंटों की लंबी ड्यूटी से जवान थक जाते हैं और उनका मनोबल ऊंचा रखना महत्वपूर्ण होता है। ‘उन्हें प्रेरित करने की जरूरत होती है और मैं अकसर उन्हें व्याख्यान देता हूं।' प्रेरित करने वाले अपने व्याख्यान में वह अपनी टीम के सदस्यों से कहते हैं कि वे इतिहास का हिस्सा हैं और वे नया कश्मीर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘रात के दौरान हमें आसमान की तरफ भी देखना होता है। कोई नहीं जानता कि कब ग्रेनेड या पेट्रोल बम फेंक दिया जाए। कई ऐसे शरारती तत्व हैं जो सीआरपीएफ को उकसाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हम एक अनुशासित बल हैं।'

PunjabKesari
भानुशेखर ने कहा, ‘असामाजिक या राष्ट्र विरोधी तत्व आम तौर पर बुजुर्गों और बच्चों की आड़ लेकर हम पर पत्थर फेंकते हैं जब कोई बुजुर्ग या बच्चा सामने होता है तो हम कभी भी लाठीचार्ज नहीं करते।' वहीं, वह जवानों का उनके परिवारों से संपर्क कराने का दायित्व भी निभाते हैं। यादव ने कहा, ‘प्रत्येक कंपनी कमांडर को एक फोन दिया गया है और जवानों को ड्यूटी के बाद इसके माध्यम से कुछ समय के लिए अपने परिवारों से बात करने की अनुमति है।' जवान यह फोन नंबर अपने परिजनों के साथ साझा करने के लिए अधिकृत हैं, जिससे कि किसी आपात स्थिति में उनसे संपर्क किया जा सके। भानुशेखर ने कहा, ‘मुझे रात में जवानों के परिजनों का फोन आता है और उनसे बात कर मैं खुद को उनके परिवार का हिस्सा मानने लगता हूं।'

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!