हाथरस : कौन है भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि, जिनके सत्संग में मची भगदड़

Edited By Updated: 02 Jul, 2024 09:23 PM

who is narayan sakar hari whose satsang there was a stampede

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 116 हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब सत्संग का समापन हो चुका था और लोग अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे।

नेशनल डेस्क:  उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 116 हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब सत्संग का समापन हो चुका था और लोग अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे। आइए जानते हैं कि कौन है यह बाबा जिनके सत्संग में लाखों की भीड़ हो गई। भीड़ इतनी ज्यादा कि भीड़ ने भगदड़ का रुप ले लिया। हाथरस के एटा में चल रहे सत्संग में यह हादसा उस समय हो गया जब लोग सत्संग के खत्म होने के बाद अपने घर लौट रहे थे। दरअसल हुआ ये कि जहां पर सत्संग आयोजित किया गया था वह जगह काफी छोटी थी और भीड़ बहुत ज्यादा थी। जब सत्संग समाप्त हो गया तो निकलने के दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गया।

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भगदड़ में मरने वालों में से ज्यादातर बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। अभी भी मृतकों की संख्या बढ़ती ही जा रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार हाथरस के फुलरई गांव में नारायण साकार हरि का आश्रम है जहां सत्संग आयोजित किया गया था। जहां यह सत्संग चल रहा था वह जगह काफी छोटी थी और भीड़ लाखों में थी। एक समय ऐसा आया जब भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ का रुप ले लिया।दुसरा कारण यह भी था कि कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन की परमिशन से ज्यादा भक्त सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे। जिसके बाद भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। घायलों को इलाज के लिए एटा भेजा गया। घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास की है। 

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वहीं भोले बाबा उर्फ नाराण साकार हरि के नाम से मशहूर बाबा का यह दावा हैं कि उन्हें भगवान से साक्षात्कार हुआ है। वैसे बाबा कांसगंज के पटियाली गांव के रहने वाले हैं। बाबा बनने से पहले वे उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी करते थे। 18 साल नौकरी करने के बाद वीआरएस ले लिया था। वीआरएस लेने के बाद ही उन्हें भगवान से साक्षात्कार हुआ। मंगलवार को भी फुलरई गांव में स्वयंभू संत भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था। जिसमें शामिल होने के लिए कई सारे राज्यों से लोग आए थे। जब सत्संग खत्म हुआ तो भीषण गर्मी से बेहाल लोग बाहर निकलने के लिए जल्दी बाजी करने लगे। जगह छोटी होने के वजह से भीड़ अनियंत्रित हो गई। भीड़ इतनी हो गई की भगदड़ मच गई। लोग बाहर निकलने की होड़ में एक दुसरे को धक्का देते हुए बाहर निकलने लगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भोले बाबा उर्फ नारायण हरि के नाम पर कई सारे अपराधिक मुकदमें भी दर्ज है। 

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भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। बाबा हरि ने अपनी शिक्षा यहीं से पूरी की है। पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने IB यानी गुप्तचर विभाग की नौकरी कर ली और काफी समय तक नौकरी में रहे, फिर उनका ध्यान आध्यात्म में चला गया। अध्यात्मिक जीवन में आने के बाद बाबा ने अपना नाम भी बदल लिया। वे अपने भक्तों के बीच एक नई नाम नारायण साकार हरि के नाम से जाने जाने लगे। बाबा नारायण हरि की बात करे तो यह अन्य बाबाओं की तुलना में अलग हैं। बाबा नारायण हरि अक्सर अपने कार्यक्रम के दौरान कुर्ता-पायजामा, तो कभी सफेद सूट, टाई और जूते पहने रहते हैं। सरकार हरि ने बताया कि नौकरी के दिनों से ही उनका मन अध्यात्म की तरफ भागता था जिसके बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वे बताते है कि वे लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, उन्हें जो भी दान, दक्षिणा मिलता है, वे सब अपने भक्तों के उपर खर्च कर देते हैं। वे बताते है कि मेरा पूरा जीवन भगवान और अपने भक्त को समर्पित है। 

 

 

 

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