Edited By Pardeep,Updated: 10 Dec, 2025 10:23 PM

बिहार के सीतामढ़ी जिले से बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है। जिले में HIV (एड्स वायरस) से संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और यह आंकड़ा अब 7000 से भी अधिक बताया जा रहा है।
नेशनल डेस्कः बिहार के सीतामढ़ी जिले से बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है। जिले में HIV (एड्स वायरस) से संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और यह आंकड़ा अब 7000 से भी अधिक बताया जा रहा है। इसमें करीब 400 बच्चे भी HIV पॉजिटिव पाए गए हैं। इतने बड़े आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में अलग-अलग आंकड़े, पर स्थिति गंभीर
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में HIV संक्रमित मरीजों के आंकड़े अलग-अलग बताए जा रहे हैं, लेकिन लगभग सभी रिपोर्टों में संख्या 7000+ बताई गई है, जो बेहद चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत पूरे जिले में जागरूकता अभियान, टेस्टिंग कैंप, और लोगों की जांच को तेज करने के आदेश जारी किए हैं।
हर महीने 40–60 नए HIV मरीज आ रहे सामने
सीतामढ़ी जिला अस्पताल के ART (Anti Retroviral Therapy) सेंटर की रिपोर्ट बेहद डराने वाली है। हर महीने 40 से 60 नए HIV मरीज रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। यह ART सेंटर पूरे बिहार का हाई लोड सेंटर बन चुका है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि सबसे अधिक संक्रमित छोटे बच्चे हैं, जिन्हें यह बीमारी अपने माता-पिता से जन्म के समय मिली है। आंकड़ों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की बैठकें लगातार जारी हैं, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या पहले कभी सामने नहीं आई थी।
स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप – कैसे बढ़े इतने मरीज?
7000 से अधिक HIV मरीजों का पता चलने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं। अब विभाग यह समझने की कोशिश में है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित कैसे हुए।
इसी को देखते हुए विभाग ने ये कदम उठाए हैं:
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शहर और गांवों में बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान
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HIV टेस्टिंग कैंप लगाने की तैयारी
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लोगों को सावधानी, रोकथाम और उपचार की जानकारी देना
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हाई-रिस्क क्षेत्रों में विशेष निगरानी
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ART सेंटर की क्षमता बढ़ाने के निर्देश
स्वास्थ्य अधिकारी मानते हैं कि अगर अभी भी लोग जागरूक नहीं हुए तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
HIV टेस्ट अभियान तेज – गांव-गांव जाकर जांच की तैयारी
विशेषज्ञों का कहना है कि HIV को लेकर अभी भी समाज में डर और जागरूकता की कमी है। इसी कारण मरीज समय पर जांच या इलाज नहीं करवाते और संक्रमण फैलता रहता है।
प्रशासन ने तय किया है - गांव-गांव जाकर लोगों के HIV टेस्ट किए जाएं, ART सेंटर के माध्यम से अधिक से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हों और स्कूलों, पंचायतों और सार्वजनिक जगहों पर कैंप लगाकर लोगों को जानकारी दी जाए। अगर जागरूकता नहीं बढ़ी तो बीमारी अगले वर्षों में विकराल रूप ले सकती है।