Edited By Chandan,Updated: 25 Mar, 2020 06:54 PM
आखिर क्यों सरकार ने मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात पर रोक लगाई, जबकि यह दवा कोरोना वायरस के मरीजों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जा रही है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करने वाली मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात पर भारत सरकार ने रोक लगा दी है। सरकार का कहना है कि इस दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगाना जरुरी है।
वहीँ, इस दवा को लेकर भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, जिनमे डॉक्टर, नर्से, सफाई कर्मचारी, हेल्पर आदि शामिल हैं, के इलाज के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन को इस्तेमाल की सिफारिश की। जिसके बाद, भारतीय दवा महानियंत्रक (DGCI) ने इमरजेंसी जैसे हालात होने पर प्रतिबंधित (Restricted) रूप से इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि सरकार इस दवा पर रोक लगा कर उन लोगों को बचाना और उन लोगों की मदद करना चाहती है जिन्हें इस दवा की सच में जरुरत है।
क्या है हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन
ये दवा एंटी मलेरिया ड्रग क्लोरोक्वीन से अलग दवा है। यह एक टेबलेट है जिसका उपयोग ऑटोइम्यून रोगों जैसे कि संधिशोथ(Arthritis) के उपचार में किया जाता है। लेकिन इसे कोरोना से बचाव में इस्तेमाल किये जाने की बात भी सामने आई है।
ये तब हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 21 मार्च को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन-एज़िथ्रोमाइसिन के कोरोना से बचने के लिए, इन दवाओं के कॉकटेल के रूप में इस्तेमाल करने की बात कही। इस बारे में उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी, जिसके बाद दवा का इस्तेमाल किया गया था।
क्यों लगाया गया प्रतिबंध
कोरोना को लेकर फैले खौंफ के बीच अचानक इस दवा को लेकर अफवाह उड़ी कि ये दवा कोरोना से बचा सकती है। जिसके बाद लोगों ने इस दवा को जमा करना शुरू कर दिया। परिणाम ये हुआ कि मेडिकल स्टोर से यह दवा गायब हो गई। वैसे, इस बात की शुरुआत तब हुई जब 19 मार्च को द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में लिखे एक आर्टिकल में इस दवा के फायदे और बीमारियों से लड़ने की क्षमता के बारे में बताया गया। इस आर्टिकल मे इस बता पर जोर दिया गया कि यह दवा कोरोनोवायरस के खिलाफ एंटी-वायरल तरीके से काम करती है।
इस दवा का खास असर SARS-CoV-2 पर पड़ता है। बता दें, यह वही वायरस है जो COVID-2 का कारण बनता है। ये भी बता दें कि इसी आर्टिकल के हवाले से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 21 मार्च वाला ट्विट किया था।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन का इस्तेमाल
वहीँ इस दवा के बारे में शोधकर्ताओं का मानना है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के साथ प्रोफिलैक्सिस का डोज लेने से SARS-CoV-2 संक्रमण और वायरल को बढ़ने से रोका जा सकता है। अमेरिका में प्रोफिलैक्सिस या एसएआरएस-सीओवी -2 संक्रमण के उपचार के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के कई एक्सपेरीमेंट करने की योजना बनाई गई है जो जल्द शुरू हो जाएगी।
एक शोध यह भी कहता है कि सिर्फ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन या अजिथ्रोमाइसिन को अकेले लेने से या दोनों को मिलाकर लेने से अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट (Upper respiratory infection) में SARS-CoV-2 RNA कम होते नजर आते हैं।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के साइड इफेक्ट
ऑनलाइन दवाइयों की जानकारी देने वाली अमरीका की मेडलाइनप्लस (Madeline Plus) के मुताबिक, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन का बिना किसी लक्षण के इस्तेमाल करना सही नहीं है। मेडलाइनप्लस का कहना है कि इस दवा के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। सामान्य साइड इफ़ेक्ट की बात करें तो इसके अंतर्गत सिरदर्द, चक्कर आना, भूख मर जाना, मतली, दस्त, पेट दर्द, उल्टी और त्वचा पर लाल चकत्ते होना शामिल हैं। इसके अलावा इस दवा को अधिक या इसकी ओवरडोज लेने से दौरे भी पड़ सकते हैं या मरीज बेहोश हो सकता है।