लाखों-करोड़ों खर्च किए बिना भी हो सकता है यज्ञ

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Nov, 2019 07:52 AM

yagya can be performed without spending millions

यज्ञ क्या है? यह प्रश्न तो छोटा-सा है परंतु यज्ञ एक संपूर्ण जीवन पथ, पूरा जीवन चक्र है। यह समस्त संसार यज्ञ का ही विस्तार है। यह विश्व भर में होने वाले परिवर्तन सारी हलचल, विकास, विशालता, विभिन्नता, समन्वय (मिलन) उन्नति, उत्पत्ति सभी यज्ञ चक्र का ही...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

यज्ञ क्या है? यह प्रश्न तो छोटा-सा है परंतु यज्ञ एक संपूर्ण जीवन पथ, पूरा जीवन चक्र है। यह समस्त संसार यज्ञ का ही विस्तार है। यह विश्व भर में होने वाले परिवर्तन सारी हलचल, विकास, विशालता, विभिन्नता, समन्वय (मिलन) उन्नति, उत्पत्ति सभी यज्ञ चक्र का ही स्वरूप है। कुछ लोगों के लिए यज्ञ का अर्थ बस इतना ही है जो ब्राह्मण हवन-होम आदि करते-करवाते हैं बस वही यज्ञ है परंतु यज्ञ की परिभाषा के लिए तो हजार पन्नों की पुस्तक भी छोटी पड़ जाएगी। श्री गीता जी में स्वयं श्री भगवान अपने श्रीमुख से यज्ञ के बारे में कहते हैं कि प्रजापति ब्रह्मा जी ने कल्प के आदि में यज्ञ सहित प्रजाओं को रच कर उनसे कहा कि तुम लोग इस यज्ञ के द्वारा उन्नति को प्राप्त करो और यह यज्ञ तुम लोगों को इच्छित वस्तुएं प्रदान करने वाला हो। नि:स्वार्थ भाव से एक-दूसरे को उन्नत करते हुए तुम लोग कल्याण को प्राप्त हो जाओगे।

PunjabKesari Yagya can be performed without spending millions

यज्ञ का अर्थ है दूसरों की सहायता के लिए अपनी वस्तु का त्याग करना। यज्ञ का एक अन्य अर्थ यह भी है कि लोक कल्याण की भावना को केंद्र में रख कर अपने पास जो पदार्थ हैं उनका उचित से उचित प्रयोग करना। सभी का भला हो जाए इसी भाव से जितना और जब तथा जैसे हो सके दूसरों का यथा संभव हित सोचना और करना।

हम ऊर्जा को पैदा नहीं कर सकते। अपितु उसका स्वरूप बदल सकते हैं। यज्ञ भी ऐसी ही परंतु एक बहुत विशेष रहस्यमयी प्रक्रिया है। इसमें बहुत विशेष शब्दों (मंत्रों) के साथ विशेष पदार्थों (हवन सामग्री) को विशेष विधि द्वारा यज्ञ की अग्रि में होम किया जाता है। इस विशेष यज्ञ अग्रि से जो शक्तिशाली धूम्र पैदा होता है वह अपने भीतर सूक्ष्म रूप से उन सभी शब्दों और पदार्थों की शक्ति को लेकर विशाल आकाश में मिलकर लाखों गुना बन जाता है और समय आने पर वर्षा की बूंदों के रूप में पृथ्वी पर बरसता है।

धरती पर पीने वाले पानी का सबसे बड़ा स्रोत वर्षा ही है, इस वर्षा से ही धरती के भीतर पीने वाले पानी की मात्रा निर्भर करती है। वर्षा के जल से अन्न (खाद्य पदार्थ) उत्पन्न होते हैं। नदियों का जल पहाड़ों से आता है और पहाड़ों के जल का मुख्य स्रोत भी तो वर्षा ही है। वर्षा की बूंदों में बरसा यज्ञ धूम्र से शक्तिशाली हुआ जल अन्न में प्रविष्ट हो जाता है। इन खाद्य पदार्थों से ही शरीर जीवित रहता और बढ़ता है तथा फिर दूसरे शरीर पैदा करता है। इस प्रकार यज्ञ क्रिया चक्र में जीवन चक्र का रहस्य छिपा हुआ है।

PunjabKesari Yagya can be performed without spending millions

यज्ञ का एक अर्थ और भी है और वह है कि प्रत्येक शुभ क्रिया और प्रत्येक जरूरी क्रिया यज्ञ ही है। जैसे खाना-पीना, सोना, काम करना, पढऩा, भोजन बनाना, सफाई रखना, नहाना, कसरत करना, जप करना, पाठ करना, धार्मिक कार्य करना, दूसरों से प्रेम करना, ये सब यज्ञ के ही अंग हैं। बस इनके नाम भिन्न हैं, जैसे जप करने को ‘जप यज्ञ’ कहते हैं और दूसरों की सेवा आदि करने को ‘लोकसेवा यज्ञ’ कहते हैं।

दान देने को द्रव यज्ञ, अच्छे पवित्र वैदिक शास्त्रीय धर्म ग्रंथों को पढऩे-पढ़ाने को स्वाध्याय यज्ञ, अग्रि में मंत्रों से हवन करने को देव यज्ञ कहते हैं। इस प्रकार प्रत्येक वह क्रिया, वह विचार, वह भाव जो शुभ और आवश्यक है, जिससे अपना तथा दूसरों का भला होता हो वह यज्ञ का ही अंग है। अपने-अपने ढंग, अपनी-अपनी समझ से हम सभी प्रतिदिन यज्ञ करते ही रहते हैं। नि:स्वार्थ भाव से दूसरों के हित (भले) के लिए सोची और की गई छोटी से छोटी क्रिया भी श्री भगवान को प्रसन्न करने वाली यज्ञ की दिव्य अग्रि बन जाती है। इस प्रकार हम देखते हैं कि हमारे महान ज्ञानी ऋषियों ने इस यज्ञ परम्परा से महान शक्तियां प्राप्त की हैं, यह मनोवांछित फल प्रदान करने वाला है।

हमारे पूर्वज लाखों वर्षों से दूसरों तथा अपने कल्याण के लिए यज्ञ करते, करवाते आए हैं। यह यज्ञ शक्ति महान है। इसके रहस्य को समझकर यज्ञ करने वाले कर्ता द्वारा समाज एवं स्वयं उसका भला ही भला होता है। श्रीरामचरित मानस में तो यज्ञ प्रवाह आरंभ, मध्य और फल श्रुति तक प्रवाहित है। पुत्रेष्टि यज्ञ, धनुष यज्ञ, त्याग यज्ञ, सत्य यज्ञ, प्रेम यज्ञ, ज्ञान यज्ञ, सेवा यज्ञ, धर्म युद्ध यज्ञ, अश्वमेध यज्ञ आदि तो यज्ञ प्रवाह ही हैं।
 

श्रीरामचरित मानस का पाठ सुनना, करना, करवाना आदि एक महायज्ञ है। इससे लाभ ही लाभ हैं, कल्याण ही कल्याण है, आनंद ही आनंद है।

PunjabKesari Yagya can be performed without spending millions

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!