पिता ने किया साइना नेहवाल पर चौंकाने वाला खुलासा

Edited By ,Updated: 30 Mar, 2015 11:26 AM

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बैडमिंटन कोर्ट पर अपने खेल के दम पर अपना लोहा मनवाने वाली हिसार की बेटी साइना नेहवाल ने हाल ही में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने का अपना सपना पूरा कर चुकीं

हिसार: बैडमिंटन कोर्ट पर अपने खेल के दम पर अपना लोहा मनवाने वाली हिसार की बेटी साइना नेहवाल ने हाल ही में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने का अपना सपना पूरा कर चुकी हैं। नेहवाल ने योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट में चैंपियन बनने का अपना ख्वाब रविवार को खिताबी मुकाबले में थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन को लगातार गेमों में 21-16, 21-14 से हराकर पूरा कर लिया।

आपको जानकर हैरानी होगी कि साइना ने अपने करियार की शुरुआत जूडो से की थी और उन्होंने इसकी पांच-छह महीने की ट्रेनिंग भी ली थी। इसके बाद एक कोच के कहने पर साइना के पिता डॉ. हरवीर सिंह ने उनके हाथों में बैडमिंटन रैकेट थमा दिया था। तब से लेकर आज तक साइना ने इस खेल में खुद को बेहतर से और बेहतर साबित करके दिखाया।

साइना के पिता के मुताबिक जब वो हैदराबाद में शिफ्ट हुए तो साइना को यहां की भाषा तेलुगू नहीं आ रही थी, इस पर उन्होंने सोचा साइना भाषा न सीख सके लेकिन कम से कम यहां के लोगों के हाव-भाव को सीख जाए। बस इसी मकसद से उन्होंने साइना को जूडो खेल में डाल दिया।

बैडमिंटन के खेल में साइना ने थोड़े समय में ही अंडर-10 आयुवर्ग की राज्यस्तरीय चैंपिययनशिप जीत ली। इसके बाद 11 साल की उम्र में उसे एक फेलोशिप मिल गई। 2006 में कॉमनवेल्थ खेल में भी उन्हें जाने का मौका मिल गया और उन्होंने इस खेल में कांस्य पदक हासिल किया।

साइना के पिता ने कहा कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह वर्ल्ड की नंबर एक खिलाड़ी बनेगी। सिंह ने कहा कि वह तो साइना को मैडिकल स्ट्रीम दिलाना चाहते थे क्योंकि साइना की बड़ी बहन को भी उन्होंने फार्मासिस्ट का कोर्स कराया था। मगर जब उन्होंने देखा कि वह बैडमिंटन में बढ़िया प्रदर्शन कर रही है तो उन्होंने अपना इरादा बदल लिया।

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