Edited By ,Updated: 30 Aug, 2015 03:46 PM
भारतीय महिला हाकी टीम ने 36 वर्षों बाद ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए मिले मौके पर खुशी जताते हुए कहा है कि ओलंपिक कोटा टीम के लिए एक सपने के पूरा होने जैसा है..
नई दिल्ली: भारतीय महिला हाकी टीम ने 36 वर्षों बाद ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए मिले मौके पर खुशी जताते हुए कहा है कि ओलंपिक कोटा टीम के लिए एक सपने के पूरा होने जैसा है लेकिन अब उनकी जिम्मेदारी अगले वर्ष रियो में देश का सपना पूरा करना है।
भारतीय महिला हाकी टीम को तीन दशकों से भी अधिक लंबे इंतजार के बाद ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका हासिल हुआ है और टीम के कोच मथायस एहरेंस ,कप्तान रितू रानी, उपकप्तान दीपिका, गोलकीपर सविता सहित सभी खिलाड़ियों ने इसपर खुशी जाहिर की है।
बेल्जियम के एंटवर्प मे हुए एफआईएच हाकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल्स में भारतीय टीम पांचवें स्थान पर रही थी और उसने अगले वर्ष ब्राजील के रियो डी जेनेरो में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिये अपनी उम्मीदों को कायम रखा था। कड़ी क्वालिफिकेशन प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर आखिर महिला टीम को भी पुरूषों की ही तरह ओलंपिक का टिकट हासिल हो गया है।
ओलंपिक कोटा को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुये टीम के मुख्य कोच एहरेंस ने कहा कि जब मैंने अपना पदभार संभाला था तब मेरा पहला लक्ष्य ही इस टीम को अगले वर्ष ओलंपिक का टिकट दिलाना था। मैंने एंटवर्प में हर मैच के बाद खिलाड़ियों को रियो की याद दिलाई थी। अब उनकी बारी है कि वह अपने सपनों को पूरा करने के लिये जी जान से मेहनत करें। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से खुश हूं कि इन खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर पाया जिसकी बदौलत हमारी टीम को 2016 में रियो का टिकट हासिल हो गया। इसके बाद अब मेरी जिम्मेदारी इस टीम को रियो के लिए तैयार करना होगा ताकि ये टीम अपने देश का नाम रौशन कर सके।