पिछले वित्त वर्ष में भारत के मछली निर्यात में 5-10 प्रतिशत की कमी रहने का अनुमान: सरकार

Edited By PTI News Agency,Updated: 26 May, 2020 09:11 PM

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नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) केन्द्रीय मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश से मछली निर्यात में 5-10 प्रतिशत गिरावट रहने का अनुमान है। इसकी वजह कोविड-19 संकट की वजह से मांग में कमी आना है। भारत...

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) केन्द्रीय मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश से मछली निर्यात में 5-10 प्रतिशत गिरावट रहने का अनुमान है। इसकी वजह कोविड-19 संकट की वजह से मांग में कमी आना है। भारत दुनिया का चौथा बड़ा मछली निर्यातक देश है।    देश से वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 46,589 करोड़ रुपये मूल्य कर मछली निर्यात हुआ था। भारतीय मछली के प्रमुख निर्यात गंतव्यों में अमेरिका, पश्चिम एशिया, ब्रिटेन और चीन शामिल हैं।
कोविड​​-19 से संक्रमित मछुआरों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि केंद्र के पास इसका एक अलग से कोई आंकड़ा नहीं है, लेकिन इसका राज्य सरकारों के आंकड़ों के साथ मिलान किया जाएगा।
सिंह ने नई योजना, ‘प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) जैसी नई योजना के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा, ‘‘नवीनतम सूचना के अनुसार, निर्यात पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं हुआ है। निर्यात में अधिकतम 5-10 प्रतिशत की गिरावट होगी।’’ जून में निर्यात स्थिति के बारे में अंतिम रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 बीमारी से लड़ने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाऊन के शुरुआती दिनों में निर्यात प्रभावित हुआ था। लेकिन सरकार ने मध्य अप्रैल से मछली पकड़ने के काम को लॉकडाउन नियम से छूट दी जिसके बाद स्थितियों में सुधार आना शुरू हुआ।
सिंह ने कहा कि चीन सहित प्रमुख निर्यात गंतव्यों के लिए निर्यात अभी चल रहा है।
मत्स्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ देशों में लॉकडाऊन के कारण वैश्विक मांग में सुस्ती रही जिससे देश का निर्यात प्रभावित हुआ। लेकिन, अब स्थिति में सुधार होने लगा है और निर्यात में सामान्य स्थिति जल्द बहाल होने की उम्मीद है।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, उत्तर भारत में विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में निर्यात-का बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा, जहां पर्याप्त निर्यात मांग वाले झींगा मछली की खारे पानी में खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के बारे में सिंह ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में योजना के तहत लगभग 20,050 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पीएमएमएसवाई का लक्ष्य मछली उत्पादन को वर्ष 2018-19 के एक करोड़ 37 लाख टन के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर वर्ष 2024-25 तक 2.2 करोड़ टन करना है।
सम्मेलन में मत्स्य राज्य मंत्री, पशुपालन और मुर्गी पालन संजीव बाल्यान और प्रताप चंद्र सारंगी तथा मत्स्य सचिव राजीव रंजन भी उपस्थित थे।


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