अदालत ने जिला अदालतों में इंटरनेट सुविधा बढ़ाने में आप सरकार के गंभीर न होने पर नाराजगी जतायी

Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Jul, 2020 10:05 PM

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नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि जिला अदालतों में इंटरनेट सुविधाएं बढ़ाने तथा दस्तावेजों की स्कैनिंग एवं डिजीटलीकरण परियोजना के प्रति आप सरकार का रवैया गंभीर नहीं है। इसके साथ ही उच्च न्यायाल ने सरकार...

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि जिला अदालतों में इंटरनेट सुविधाएं बढ़ाने तथा दस्तावेजों की स्कैनिंग एवं डिजीटलीकरण परियोजना के प्रति आप सरकार का रवैया गंभीर नहीं है। इसके साथ ही उच्च न्यायाल ने सरकार को निर्देश दिया कि वह तत्परता के साथ यह कार्य पूरा करे।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि मौजूदा स्थिति में परियोजना को मंजूरी देना अत्यावश्यक था जब दिल्ली में कोविड-19 महामारी के कारण वीडियो-कॉन्फ्रेंस से अदालत में सुनवाई हो रही है।

पीठ ने कहा कि इस प्रकार के अत्यावश्यक मामले को मंजूरी देने में दिल्ली सरकार द्वारा गंभीरता नहीं दिखाने पर हम गौर करने के लिए मजबूर हैं, खासकर तब जबकि कोरोना वायरस के कारण अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीमित सुनवाई हो रही है।

पीठ ने कहा, "दिल्ली सरकार को तत्परता से कार्य करने और प्रस्तावों (परियोजना से संबंधित) को आज से दो सप्ताह के भीतर मंजूरी देने का निर्देश दिया जाता है।"
अदालत ने यह टिप्पणी और निर्देश दिल्ली सरकार द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजना से संबंधित चार प्रस्तावों में से केवल एक को मंजूरी दी गई है। मंजूर प्रस्ताव जिला अदालतों में लोकल एरिया नेटवर्क (एलएएन) के वार्षिक रखरखाव के लिए अनुबंध से संबंधित है।

मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।



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