विदेश व्यापार संवर्धन योजनाओं से जुड़ी पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को स्वचालित प्रणाली में लाया जाए: कैग

Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Sep, 2020 10:32 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि वाणिज्य मंत्रालय को एक दुरूस्त व्यवस्था लाकर विदेश व्यापार संवर्धन योजना के प्रशासन से संबद्ध पूरी प्रणाली को स्वचालित बनाना चाहिए।

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि वाणिज्य मंत्रालय को एक दुरूस्त व्यवस्था लाकर विदेश व्यापार संवर्धन योजना के प्रशासन से संबद्ध पूरी प्रणाली को स्वचालित बनाना चाहिए।
कैग ने यह भी सुझाव दिया कि मंत्रालय के अधीन आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) को एमईआईएस/एसईआईएस योजनाओं के तहत शुल्क लाभ देने को लेकर प्रक्रियाओ की समीक्षा करनी चाहिए और इसके तहत लाभ देने को लेकर एक समुचित जांच व्यवस्था रखनी चाहिए तथा यह इलेक्ट्रॉनिक रूप से और भौतिक रूप दोनों तरीकों से होना चाहिए।

फिलहाल, दो प्रमुख व्यापार संवर्धन योजनाओं... भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) और सेवाओं के लिये भारत सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस)... के तहत शुल्क लाभ उपलब्ध कराया जाता है।
कैग ने कहा, ‘‘सरकार के ई-राजकाज पर जोर और डीजीएफटी के स्वचालन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव को देखते हुए, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पूरी तरह से दुरूस्त व्यवस्था तैयार कर विदेश व्यापार संवर्धन योजनाओं की पूरी प्रणाली स्वचालित हो...।’’
कैग की यह सिफारिश 31 मार्च, 2019 को समाप्त वित्त वर्ष के लिये एमईआईएस और एसईआईएस के प्रदर्शन ऑडिट रिपोर्ट का हिस्सा है। रिपोर्ट को बुधवार को संसद में पेश किया गया।
इसमें कहा गया है कि एमईआईएस और एसईआईएस बीजकों को जारी करने में देरी प्रक्रियाओं को सरल बनाने और कारोबार सुगमता लक्ष्य को हासिल करने में स्वचालन व्यवस्था की विफलता का संकेत देता है।
एसईआईएस योजना के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके तहत लाभ देने के लिये स्व-घोषणा और सीए प्रमाणपत्र सेवाओं तथा प्रेषण को लेकर पात्रता के बारे में गारंटी देने के मामले में नाकाफी साबित हुए हैं।
कैग ने कहा, ‘‘हालांकि वाणज्यि विभाग लाभ देने को लेकर स्व-घोषणा और सीए प्रमाणपत्रों पर काफी हद तक आश्रित रहा है। क्षेत्रीय प्राधिकरण पात्र और अपात्र सेवाओं के बीच अंतर करने और अपात्र सेवाओं को लाभ देने से मना करने में विफल रहा है।’’
रिपोर्ट में पात्र सेवाओं को लेकर अस्पष्टता दूर करने और चीजें साफ करने की सिफारिश की गयी है। इसमें कहा गया है कि डीजीएफटी सरल रूप से पात्र सेवाओं की सूची की क्रम संख्या कहने के बजाए केंद्रीय उत्पाद वर्गीकरण कोड के साथ सेवाओं के वास्तविक वर्गीकरण आधार पर सीए प्रमाणपत्र पर विचार कर सकता है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!