रास में विपक्ष का हंगामा जारी , कार्यवाही बार-बार बाधित

Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Aug, 2021 03:37 PM

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नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) पेगासस जासूसी विवाद, तीन नये कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार को दो बार बाधित होने के बाद दोपहर दो बज कर 36 मिनट पर फिर एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।

नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) पेगासस जासूसी विवाद, तीन नये कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार को दो बार बाधित होने के बाद दोपहर दो बज कर 36 मिनट पर फिर एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक पुन: शुरू हुई तब विपक्षी सदस्यों का हंगामा भी शुरू हो गया। हंगामे के बीच ही सदन में अंतर्देशीय जलयान विधेयक, 2021 को मंजूरी प्रदान की गई। उच्च सदन में यह विधेयक पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पेश किया।। विधेयक पर हंगामे के बीच ही संक्षिप्त चर्चा हुई जिसमें भाजपा के महेश पोद्दार और हरजी भाई मोकारिया, बीजद के प्रसन्न आचार्य, अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ एम थंबीदुरई, वाईआरएस कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी, टीआरएस के डॉ बंदा प्रकाश, तेदेपा के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने अपनी बात रखी। इसके बाद मंत्री ने चर्चा का जवाब दिया और विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।

इस दौरान विधेयक पर कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा मत विभाजन की मांग किए जाने पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि वह मत विभाजन कराने के लिए तैयार हैं लेकिन सदस्यों को अपने स्थानों पर जाना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर हंगामा कर रहे हैं, ऐसे में मत विभाजन कैसे कराया जा सकता है।

उपसभापति हरिवंश ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की बार बार अपील की। लेकिन हंगामा जारी रहा और दस्तावेज भी फाड़े गए। विधेयक पारित होने के बाद उपसभापति ने दोपहर दो बज कर 36 मिनट पर बैठक एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने अरुणाचल प्रदेश की जनजातियों से संबंधित एक संविधान संशोधन विधेयक सदन में पेश किया था।
इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग शुरू कर दी। कुछ सदस्यों ने अपने हाथों में पकड़ी तख्तियां लहराईं। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में तख्तियां दिखाने से मना करते हुए कहा कि जो सदस्य ऐसा कर रहे हैं उनके नाम प्रकाशित किए जाएंगे।

सभापति ने कहा ‘‘अगर सदन मेरे साथ सहयोग करेगा तो मैं आपकी बात सुन सकूंगा। मैं चर्चा के लिए तैयार हूं। यहां तक कि कार्यमंत्रणा समिति में भी तय हुआ है कि चर्चा हो। लेकिन इसके लिए सदन में व्यवस्था होना चाहिए। ’’
उन्होंने कहा कि अगर सदस्य सहयोग नहीं करेंगे तो कैसे काम होगा। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बजकर करीब 10 मिनट पर ही बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल शुरू किया। इसी बीच विपक्षी दलों के कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ गए और अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।
हंगामे के बीच ही उपसभापति ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय, जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने उनके जवाब भी दिये।
उपसभापति ने हंगामा सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। सदन में व्यवस्था बनते न देख हरिवंश ने बारह बज कर तीस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

संसद के मानसून सत्र का यह तीसरा सप्ताह है लेकिन हंगामे की वजह से इस सत्र में उच्च सदन में एक बार भी शून्यकाल नहीं हो पाया है।



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