Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Oct, 2021 09:32 AM
नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शुक्रवार को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र में जिम्मेदार संचालन व्यवस्था की संस्कृति बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने इन कंपनियों से...
नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शुक्रवार को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र में जिम्मेदार संचालन व्यवस्था की संस्कृति बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने इन कंपनियों से ग्राहकों के हितों की रक्षा को सबसे ज्यादा महत्व देने का आग्रह किया और कहा कि इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कुछ कंपनियों द्वारा जबरन वसूली की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि विशुद्ध रूप से व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए घटित मामलों से उस पूरी प्रणाली की साख पर असर पड़ा है जो भरोसे पर ही फलती-फूलती है।
राव ने उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित एनबीएफसी सम्मेलन में शुक्रवार को कहा, "... हमें व्यापारिक या अल्पकालिक लाभ के लिए वित्त के मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए। ये लाभ वैसे भी संस्थानों को दीर्घावधि में मिलेंगे, लेकिन ऐसा तभी होगा जब वह विश्वास और पारस्परिक लाभ पर आधारित हों।’’
उन्होंने कहा कि जबरन वसूली के तरीकों, आंकड़ा गोपनीयता के उल्लंघन, धोखाधड़ी वाले लेनदेन में वृद्धि, साइबर अपराध, अत्यधिक ब्याज दरों और उत्पीड़न को लेकर आरबीआई पास काफी संख्या शिकायतें आती हैं। उन्होंने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा से "कोई समझौता नहीं किया जा सकता।"
राव ने कहा, "रिजर्व बैंक अपने द्वारा उठाए जाने वाले किसी भी नियामक कदम में हमेशा व्यापक जनहित को अपने मूल विषय के रूप में रखता है और हम वित्तीय प्रणाली के लिए सामान्य रूप से सार्वजनिक हित के संबंध में अपनी ओर से हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। एक विस्तृत शिकायत निवारण तंत्र, रिजर्व बैंक लोकपाल योजना, उचित व्यवहार संहिता आदि की स्थापना इसका संकेत है।"
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