ईडी तृणमूल सांसद, पत्नी से कोलकाता में पूछताछ कर सकती है : न्यायालय

Edited By Updated: 17 May, 2022 04:34 PM

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नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी द्वारा धन शोधन जांच में उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने...

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी द्वारा धन शोधन जांच में उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई थी। न्यायालय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 24 घंटे पहले अग्रिम सूचना देकर अपने कोलकाता कार्यालय में उनसे पूछताछ कर सकता है।



किसी भी तरह के “हस्तक्षेप या गुंडागर्दी” को बर्दाश्त नहीं करने का जिक्र करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य उन ईडी अधिकारियों को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा प्रदान करेगा जो वहां जांच करेंगे। ईडी ने शीर्ष अदालत को बताया कि उनके अनुसार, टीएमपी सांसद एक “संभावित आरोपी” हैं और वे उनसे पूछताछ करना चाहते हैं।


उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अभिषेक और उनकी पत्नी की याचिका पर न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी को नोटिस जारी किया।


पीठ ने कहा कि आगे विचार होने तक फिलहाल आक्षेपित फैसले के प्रभाव व संचालन पर अंतरिम रोक लगाई जाएगी। न्यायालय ने कहा कि निदेशालय के पास यह विकल्प होगा कि वह जरूरत होने पर कम से कम 24 घंटे पूर्व नोटिस देकर कोलकाता स्थित अपने कार्यालय में याचिकाकर्ताओं को पेश होने के लिये कह सकता है। पीठ में न्यायमूर्ति एस आर भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया भी शामिल हैं।

पीठ ने कहा, “इसके साथ ही, कोलकाता के पुलिस आयुक्त और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया जाए जिससे संबंधित याचिकाकर्ताओं से पूछताछ या जानकारी चाहने वाले लोगों को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा प्रदान की जा सके।”

पीठ ने कहा कि राज्य के वकील ने आश्वासन दिया है कि राज्य मशीनरी द्वारा पूरी सहायता प्रदान की जाएगी ताकि ईडी द्वारा प्रभावी पूछताछ या जांच की जा सके।


पीठ ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील द्वारा यह भी कहा गया है कि ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू द्वारा व्यक्त की गई आशंका, कि पूछताछ में हस्तक्षेप या बाधा डाली जा सकती है, “पूरी तरह से गलत” है और राज्य मीशनरी द्वारा हर बात का ध्यान रखा जाएगा।


पीठ ने कहा, “राज्य के वकील द्वारा दिए गए आश्वासन पर कि पूरा राज्य तंत्र यह देखेगा कि पूछताछ या जांच बिना किसी रुकावट या हस्तक्षेप के हो, हमने उक्त अंतरिम निर्देश पारित किया है।” न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिये 19 जुलाई की तारीख तय की है।

पीठ ने कहा कि मामले में कोई बाधा या हस्तक्षेप होने की स्थिति में ईडी उचित निर्देशों के लिए शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र होगा।


पीठ ने राज्य के वकील से मौखिक रूप से कहा, “अगर कोई उल्लंघन होता है, अगर किसी तरह का हस्तक्षेप या किसी भी तरह की गुंडागर्दी होती है, तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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