विदेशी बाजारों में गिरावट से सभी तेल-तिलहनों के भाव नरम

Edited By PTI News Agency,Updated: 19 May, 2022 07:24 PM

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नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) इंडोनेशिया द्वारा खाद्य तेलों का निर्यात खोलने की घोषणा के बीच विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख और मांग कमजोर होने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार के मुकाबले बृहस्पतिवार को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन,...

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) इंडोनेशिया द्वारा खाद्य तेलों का निर्यात खोलने की घोषणा के बीच विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख और मांग कमजोर होने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार के मुकाबले बृहस्पतिवार को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल सहित लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव हानि के साथ बंद हुए। बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशिया ने 23 मई से निर्यात पर लगे प्रतिबंध को खोलने का फैसला किया है जिससे विदेशों में भी खाद्य तेल कीमतों पर दबाव बढ़ गया। सूत्रों ने कहा कि संभवत: अपनी अर्थव्यवस्था की जरूरत को ध्यान में रखकर इंडोनेशिया की सरकार ने निर्यात खोलने का फैसला किया है लेकिन वहां तेलों के दाम अब भी ऊंचे बने हुए हैं।

उपभोक्ताओं को सरसों तेल महंगे दामों पर बेचे जाने की शिकायतों के बारे में सूत्रों ने कहा कि सरसों तेल सारी लागत और मुनाफे के बाद 165-168 रुपये लीटर के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर मिलना चाहिये अन्यथा कोई गड़बड़ी किये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

सूत्रों ने कहा कि किसानों ने सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन करके साबित कर दिया है कि अगर उन्हें अपनी उपज का लाभकारी दाम और उचित प्रोत्साहन मिले तो वह आगे भी तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं। सरकार को सरसों पर ध्यान रखना चाहिये क्योंकि विदेशी तेलों के महंगा होने पर सरसों, मूंगफली जैसे तेलों को उपभोक्ता अपना रहे हैं। भविष्य में इन फसलों की कमी न हो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की खरीद एजेंसियों को फसल का स्टॉक तैयार कर लेना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में सुबह के भाव के मुकाबले लगभग 1.5-2 प्रतिशत की गिरावट थी जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में आधा प्रतिशत की गिरावट है।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के रुख के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई। शिकॉगो एक्सचेंज के कमजोर रहने से सोयाबीन तेल-तिलहन में भी गिरावट देखने को मिली।
बृहस्पतिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 7,515-7,565 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,735 - 6,870 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,700 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,630 - 2,820 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,375-2,455 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,415-2,525 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,700 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 16,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 15,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 14,900 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,200 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 16,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 15,250 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 7,050-7,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 6,750- 6,850 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल।

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