Edited By PTI News Agency,Updated: 21 Jun, 2022 06:36 PM
नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली (दिल्ली-एनसीआर) में सबसे अधिक 28.5 प्रतिशत कार्यालय की जगह खाली है। जबकि पुणे में कार्यालयों के लिए सबसे कम केवल 8.5 प्रतिशत जगह बची हुई है जिसका कारण सूचना प्रौद्योगिकी और संबंधों...
नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली (दिल्ली-एनसीआर) में सबसे अधिक 28.5 प्रतिशत कार्यालय की जगह खाली है। जबकि पुणे में कार्यालयों के लिए सबसे कम केवल 8.5 प्रतिशत जगह बची हुई है जिसका कारण सूचना प्रौद्योगिकी और संबंधों क्षेत्रों से अच्छी जगह की मांग का अधिक होना है। संपत्ति सलाहकार कंपनी एनरॉक ने यह जानकारी दी।
देश के सात प्रमुख शहरों में प्रथम श्रेणी के कार्यालय भवनों के आंकड़ों के अनुसार, चेन्नई में कार्यालयों के लिए 10.35 प्रतिशत, बेंगलुरु में 11.25 प्रतिशत और हैदराबाद में 15 प्रतिशत जगह या स्थान बाकी है।
एनरॉक ने एक बयान में कहा कि सात प्रमुख शहरों में एनसीआर में कार्यालय संपत्ति की जगह सबसे अधिक 28.5 प्रतिशत खाली है।
इसके बाद कोलकाता में 23.5 प्रतिशत और मुंबई महानगर (एमएमआर) क्षेत्र में करीब 16 प्रतिशत कार्यालय की जगह खाली है।
एनारॉक ने कहा, ‘‘काविड-19 महामारी के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) या आईटीईएस सबसे तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में से एक रहा। इस क्षेत्र ने देश के शीर्ष चार आईटी/आईटीईएस संचालित शहरों में प्रथम श्रेणी वाले कार्यालय की जगह को भरने में मदद की।’’
आंकड़ों के अनुसार, बेंगलुरु में प्रथम श्रेणी वाली कार्यालयों की सबसे अधिक लगभग 16.8 करोड़ वर्ग फुट जगह है।
इसके बाद दिल्ली-एनसीआर में 12.8 करोड़ वर्ग फुट, मुंबई महानगर में 10.8 करोड़ वर्ग फुट, हैदराबाद में आठ करोड़ वर्ग फुट, पुणे में छह करोड़ वर्ग फुट और चेन्नई में 5.5 करोड़ वर्ग फुट तथा कोलकाता में 2.5 करोड़ वर्ग फुट जगह है।
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