Edited By PTI News Agency,Updated: 09 Aug, 2022 05:11 PM
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने स्टेशन, कोचिंग डिपो, रखरखाव और उत्पादन इकाइयों के साथ-साथ अस्पतालों में पैदा होने वाले जैव चिकित्सा कचरे सहित लगभग सभी क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को लेकर रेलवे की...
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने स्टेशन, कोचिंग डिपो, रखरखाव और उत्पादन इकाइयों के साथ-साथ अस्पतालों में पैदा होने वाले जैव चिकित्सा कचरे सहित लगभग सभी क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को लेकर रेलवे की आलोचना की है।
भारतीय रेलवे में अपशिष्ट प्रबंधन पर कैग की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की गई।
कैग ने यह भी रेखांकित किया कि भारतीय रेलवे में कोई एक निकाय या एजेंसी ऐसी नहीं है, जिसके पास पूरी तरह से अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित मुद्दों से निपटने का दायित्व हो। इसने यह भी कहा कि विशेष रूप से अपशिष्ट प्रबंधन के लिए समर्पित कोष आवंटन की कोई प्रणाली नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जोनल और मंडल स्तर पर इंजीनियरिंग एवं स्वास्थ्य प्रबंधन निदेशालय स्थापित करने के लिए लोक लेखा समिति (पीएसी) को आश्वासन के बावजूद, भारतीय रेलवे (आईआर) की ओर से अनुपालन आंशिक रहा।
इसमें यह भी कहा गया है कि रेलवे 36 प्रमुख स्टेशन पर अपशिष्ट प्रबंधन की निगरानी के लिए 24 सत्यापन योग्य संकेतक लागू करने से संबंधित राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने में विफल रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चुने गए 65 अन्य प्रमुख स्टेशन पर सत्यापन योग्य संकेतकों के कार्यान्वयन की प्रगति उत्साहजनक नहीं रही।
इसमें रेखांकित किया गया कि लेखा परीक्षा के लिए चुने गए स्टेशन में से 70 प्रतिशत और कोचिंग यार्ड में से 90 प्रतिशत में गीला कचरा प्रसंस्करण, सामग्री प्राप्त करने संबंधी सुविधा, अपशिष्ट पृथक्करण और पुनर्चक्रण केंद्रों जैसी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं।
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