ईसाइयों का उत्पीड़न : केंद्र ने उच्चतम न्यायालय ने कहा, याचिका अधूरे और स्व हित के तथ्यों पर आधारित

Edited By PTI News Agency,Updated: 16 Aug, 2022 10:33 PM

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नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि देश में ईसाई समुदाय के सदस्यों पर कथित हमलों को रोकने का निर्देश देने के लिए दायर याचिका ‘‘ छिपे हुए एजेंडे’’ के तहत दायर की गई है और यह ‘‘आधे-अधूरे और स्व हित साधने...

नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि देश में ईसाई समुदाय के सदस्यों पर कथित हमलों को रोकने का निर्देश देने के लिए दायर याचिका ‘‘ छिपे हुए एजेंडे’’ के तहत दायर की गई है और यह ‘‘आधे-अधूरे और स्व हित साधने वाले तथ्यों एवं लेखों’’ व रिपोर्ट पर आधारित है।

गृह मंत्रालय ने अपने जवाबी हलफनामा में कहा कि हाल में यह परिपाटी बन गई है कि कुछ संगठन लेख छपवाते हैं और स्व हित साधने वाली रिपोर्ट स्वयं या अपने सहयोगियों के जरिये तैयार करते हैं, जिसके आधार पर अंतत: रिट या जनहित याचिका दायर की जाती है।
केंद्र ने कहा कि जांच में खुलासा हुआ कि इन रिपोर्ट में दर्ज ईसाईयों के कथित उत्पीड़न की अधिकतर घटनाएं या तो झूठी हैं या गलत तरीके से पेश की गई हैं और याचिकाकर्ता स्व हित साधने वाले लेखों और रिपोर्ट के आधार पर इच्छा रखता है कि अदालत ‘उनकी मंशा के अनुसार’’ जांच करे।
सरकार ने कहा कि मामूली विवाद के मामलों में कोई धार्मिक या सांप्रदायिक कोण नहीं होता। उसने कहा कि ऐसी घटनाओं को भी स्व हित साधने वाली रिपोर्ट में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की घटना के तौर पर प्रकाशित किया जाता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि इस तरह की याचिकाएं दायर करने, पूरे देश में अशांति पैदा करने और यहां तक हमारे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेश से सहायता लेने के पीछे एक छिपा हुआ एजेंडा है। यह निवेदन है कि जिन मामलों को रेखांकित किया गया है उन्हें संबंधित राज्यों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों कानून के तहत निबट सकती हैं अथवा पीड़ित पक्ष संबंधित उच्च न्यायालयों का रुख कर समाधान पा सकते हैं।’’
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष केंद्र का पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जनहित याचिका का जवाब अंतिम समय में दाखिल किया गया जिसके लिए वह क्षमाप्रार्थी हैं।
इससे पहले याचिकाकर्ताओं नेशनल सोलिडेरिटी फोरम के डॉ.पीटर मचादो, इवांजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया के विजयेश लाल और अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंसाल्विज ने अदालत को बताया कि उन्हें अंतिम समय में केंद्र का जवाब मिला है और वे प्रत्युत्तर दाखिल करना चाहते हैं।
इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अगस्त की तारीख तय कर दी।


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