Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Mar, 2023 09:39 PM

नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) घरेलू इस्पात उद्योग ने केंद्र सरकार से 16.1 करोड़ टन कोकिंग कोयला सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार करने की मांग की है, जिससे 2030 तक देश की वार्षिक इस्पात निर्माण क्षमता 30 करोड़ टन हो सके।
नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) घरेलू इस्पात उद्योग ने केंद्र सरकार से 16.1 करोड़ टन कोकिंग कोयला सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार करने की मांग की है, जिससे 2030 तक देश की वार्षिक इस्पात निर्माण क्षमता 30 करोड़ टन हो सके।
वात भट्टी के जरिए इस्पात बनाने में इस्तेमाल होने वाले दो प्रमुख कच्चे माल- कोकिंग कोयला और लौह अयस्क हैं। जहां लौह अयस्क घरेलू स्तर पर उपलब्ध हो जाता है, वहीं कोकिंग कोयले का आयात होता है।
सूत्रों ने बताया कि एकीकृत इस्पात संयंत्रों (आईएसपी) के लिए सलाहकार समूह की छठी बैठक में भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) ने एक प्रस्तुतीकरण दिया। यह प्रस्तुतीकरण केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि इस दौरान सहमति बनी कि रूस, मंगोलिया, कनाडा और अमेरिका सहित कोकिंग कोयला के स्रोतों के विस्तार की संभावना तलाशने के लिए भविष्य की कार्य योजना तैयार की जाएगी।
मंत्री ने आईएसए से देश में मौजूद निम्न स्तर के लौह अयस्क के उपयोग के लिए मध्यम और दीर्घकालिक रणनीति पेश करने को कहा है।
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