निमिषा प्रिया की होने वाली फांसी को रोकने और रिहाई के लिए कानूनी प्रयास तेज, विदेश मंत्रालय हुआ सक्रिय

Edited By Updated: 17 Jul, 2025 05:27 PM

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यमन में फांसी की सजा से बरी हुईं निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए कानूनी और कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं। फांसी की सजा स्थगित होने के बाद अब उनके लिए वरिष्ठ वकील सुभाष चंद्रन को नियुक्त किया गया है, जो निमिषा प्रिया और उनके परिवार को कानूनी सहायता...

इंटरनेशनल डेस्क : यमन में फांसी की सजा से बरी हुईं निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए कानूनी और कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं। फांसी की सजा स्थगित होने के बाद अब उनके लिए वरिष्ठ वकील सुभाष चंद्रन को नियुक्त किया गया है, जो निमिषा प्रिया और उनके परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करेंगे। सुभाष चंद्रन ने बताया कि जेल से उनकी रिहाई के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। यमन में शरिया कानून के तहत हत्या के लिए मौत की सजा तय है, लेकिन इसमें ‘ब्लड मनी’ का विकल्प भी मौजूद है। इसके तहत मृतक के परिवार को मुआवजा देकर माफी दिलाई जा सकती है। इसके अलावा बिना ब्लड मनी के भी माफी मिलने की संभावना बनी हुई है।

भारत सरकार ने भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है। विदेश राज्य मंत्री रणधीर जायसवाल ने कहा कि उन्होंने निमिषा के परिवार को मृतक पक्ष से समझौता करने के लिए और समय दिलाने की विशेष कोशिश की है। यमन के अधिकारियों ने 16 जुलाई 2025 को होने वाली सजा को फिलहाल स्थगित कर दिया है। सरकार इस मामले पर लगातार नजर रखे हुए है और मित्र देशों के साथ भी संपर्क बनाए हुए है।

परिवार को मनाने की कोशिश जारी 
मृतक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के परिवार ने निमिषा को फांसी की सजा देने की मांग की है, लेकिन माफी के लिए मनाने की कोशिशें भी जारी हैं। ऑल इंडिया जमीयतुल उलेमा के महासचिव और सुन्नी नेता कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार ने अपने यमनी सूफी विद्वान मित्र शेख हबीब उमर बिन हाफिज के माध्यम से मध्यस्थता की, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसी के चलते यमन सरकार ने फांसी की सजा स्थगित की है। मुसलियार ने कहा कि तलाल के परिवार से माफी के लिए बातचीत जारी है, हालांकि उनके मन में बदले की भावना भी है।

निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की निवासी हैं। उन्हें जुलाई 2017 में यमन में एक नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया था। वर्ष 2020 में यमन की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने उनकी अपील खारिज कर दी थी। वह फिलहाल यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं, जो ईरान समर्थित हूती समूह के नियंत्रण में है।

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