एक्सपर्ट का खुलासाः टुकड़े-टुकड़े होने वाला पाकिस्तान, दोहराने जा रहा 1971 वाली गलती

Edited By Updated: 09 Dec, 2025 02:51 PM

expert reveals pakistan which is on the verge of disintegration

पाकिस्तान सरकार देश को छोटे-छोटे प्रांतों में तोड़ने की योजना पर काम कर रही है, जिसे प्रशासनिक सुधार बताया जा रहा है। मगर विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम पाकिस्तान की पहले से टूटती राष्ट्रीय एकता को और कमजोर करेगा और बलूचिस्तान-KP में बढ़ते विद्रोह...

Islamabad: पाकिस्तान एक बार फिर विभाजन के मुहाने पर खड़ा दिख रहा है। 1971 में बांग्लादेश बनकर टूट चुका पाकिस्तान अब अपनी ही जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटने की तैयारी कर रहा है। इसे शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की हाइब्रिड सरकार “प्रशासनिक सुधार” बता रही है, लेकिन देश के भीतर और बाहर के विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह कदम पाकिस्तान की पहले से हिलती नींव को और कमजोर कर देगा।

 

IPP नेता का बड़ा ऐलान- 3 हिस्सों में बांटेंगे ! 
पाकिस्तान के संचार मंत्री और IPP नेता अब्दुल अलीम खान ने खुलकर कहा कि “छोटे प्रांत बनना निश्चित है।” उन्होंने ऐलान किया कि सिंध, पंजाब, KP और बलूचिस्तान-हर प्रांत को तीन-तीन हिस्सों में बांटा जाएगा। उन्होंने एशिया के दूसरे देशों का हवाला देकर कहा कि छोटे राज्य बेहतर प्रशासन देते हैं। लेकिन पाकिस्तान में इसे “शासन नहीं, सत्ता को बांटने की नई साजिश” माना जा रहा है।

 

1971 की परछाई फिर लौटी
आजादी के समय पाकिस्तान में पाँच प्रांत थे ईस्ट बंगाल, वेस्ट पंजाब, सिंध, NWFP और बलूचिस्तान। 1971 में ईस्ट बंगाल बांग्लादेश बन गया, पाकिस्तान आधा रह गया। अब फिर से पाकिस्तान में विभाजन की चर्चा है लेकिन इस बार खुद सरकार की मर्जी से। पाकिस्तान का आधा हिस्सा पहले ही संकट में है । बलूचिस्तान में अलगाववाद चरम पर, KP में TTP की हिंसा अनियंत्रित, सेना और सरकार पूरी तरह असफल, और उस बीच प्रांतों के नए टुकड़े करने की घोषणा ! एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कदम बलूच विद्रोह और पख्तून असंतोष को और भड़काएगा।

 

थिंक टैंक्स की कड़ी चेतावनी
सिंध की सबसे बड़ी पार्टी PPP ने ऐलान कर दिया है कि वह सिंध के विभाजन के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी। मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने कहा कि “सिंध को बांटने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं होगी।”यानी शहबाज-मुनीर सरकार का यह फैसला देश के भीतर नया गृहयुद्ध भी खड़ा कर सकता है। पूर्व टॉप ब्यूरोक्रेट सैयद अख्तर अली शाह ने इसे “खतरनाक प्रयोग” बताते हुए कहा-“पाकिस्तान की समस्या प्रांत कम होना नहीं, शासन पूरी तरह फेल होना है।”
उन्होंने याद दिलाया कि अय्यूब खान के ‘दो प्रांत मॉडल’ और ‘बेसिक डेमोक्रेसी’ सिस्टम ने पाकिस्तान को और बर्बाद किया था। थिंक टैंक PILDAT के चीफ अहमद बिलाल महबूब ने कहा-“नए प्रांत बनाना महंगा, जटिल और राजनीतिक रूप से विस्फोटक कदम है।” उनका कहना है कि असल समस्या है ...

 

  • कमजोर संस्थाएँ
  • ग़ायब लोकल गवर्नेंस
  • खराब कानून-व्यवस्था
  • सेना का राजनीतिक हस्तक्षेप
  • इनसे निपटे बिना प्रांत बढ़ाना केवल “नई अव्यवस्था” पैदा करेगा।
  • पाकिस्तान की जनता पूछ रही-टूटते देश को और क्यों तोड़ रहे हो?
  • देश में महंगाई, आतंकवाद, बेरोजगारी, आर्थिक गिरावट अपने चरम पर है।
  • ऐसे में प्रांतों के टुकड़े करने की घोषणा ने जनता में गुस्सा बढ़ा दिया है।

 

सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं-“कंगाल पाकिस्तान को और टुकड़ों में बांटने की जरूरत क्यों? पहले सरकार और सेना अपनी नाकामी सुधारें।” एक्सपर्ट्स की चेतावनी-“बंटवारा हुआ तो संभाल नहीं पाओगे।” सभी विशेषज्ञ एक आवाज़ में कह रहे हैं कि अगर पाकिस्तान ने यह फैसला लागू किया और पहले से जले हुए बलूचिस्तान व KP में नए प्रशासनिक नक्शे थोपे गए,तो अलग राष्ट्रों की मांग खुलकर फट सकती है। मुनीर-शहबाज सरकार इसे ‘सुधार’ बता रही है,लेकिन विशेषज्ञ इसे पाकिस्तान का एक और आने वाला 1971 बता रहे हैं।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!