Edited By Mahima,Updated: 06 Mar, 2024 04:03 PM
दक्षिण भारत में केरल को सबसे खुबसुरत क्षेत्र के रुप में जाना जाता है। अगर बात करें शिक्षा की तो केरल की प्रगति काफी सराहनीय है। लेकिन हाल ही में केरल ने अपने पहले जेनरेटर एआई शिक्षक आइरिस को पेश कर के एक नया कदम उठाया है।
नेशनल डेस्क: दक्षिण भारत में केरल को सबसे खुबसुरत क्षेत्र के रुप में जाना जाता है। अगर बात करें शिक्षा की तो केरल की प्रगति काफी सराहनीय है। लेकिन हाल ही में केरल ने अपने पहले जेनरेटर एआई शिक्षक आइरिस को पेश कर के एक नया कदम उठाया है। मेकरलैब्स एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित, आइरिस एक शिक्षाक के रुप में इनसाने से बेहद ज्यादा बुद्धिमत्ता रखती है। इस जेनेरेटिव एआई स्कूल टीचर को पिछले महीने ही स्कूल में शामिल किया गया था और यह छात्रों के बीच तुरंत लोकप्रिय हो गई।
देश की पहली AI रोबोट टीचर
तिरुवनंतपुरम के ‘केटीसीटी हायर सेकेंडरी स्कूल’ में एक साड़ी पहने, ‘आइरिस’ नाम की एआई-सक्षम ह्यूमनॉइड रोबोट है। महिला की तरह आवाज रखने वाली है और इसमें एक असल टीचर की कई विशेषताएं हैं। इस एआई रोबोट को पेश करने वाली कंपनी ‘मेकरलैब्स एडुटेक’ के अनुसार, आइरिस न केवल केरल में बल्कि देश में पहली जेनेरेटिव एआई स्कूल शिक्षक हैं। उन्होंने आगे बताया कि इसका मकसद स्कूलों में बच्चों की एक्टिविटी को बढ़ाना है।
बोलती है तीन भाषाएं
आइरिस तीन भाषाएं बोलने में सक्षम है। इसके साथ ही वे छात्रों के हर सवालों का जवाब भी देने में भी सक्षम है। ‘मेकरलैब्स’ के अनुसार, आइरिस का नॉलेज बेस अन्य ऑटोमेटिक टीचिंग गैजेट की तुलना में काफी व्यापक है, क्योंकि इसे चैटजीपीटी जैसी प्रोग्रामिंग से बनाया गाया है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि ह्यूमनॉइड को छात्रों के लिए ड्रग्स, सेक्स और हिंसा जैसे अनुपयुक्त विषयों की जानकारी पर ट्रेंड नहीं किया गया है।
पढ़ाई को बनाएगी आसान और मजेदार
मेकरलैब्स के सीईओ हरि सागर ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “एआई के साथ संभावनाएं अनंत हैं। जब कोई छात्र प्रश्न पूछता है, तो आइरिस ऐसे उत्तर देती है, जो इंसानी प्रतिक्रियाओं से काफी मिलते-जुलते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये सीखना न केवल आसान बल्कि मजेदार भी हो सकता है।” स्कूल की प्रिंसिपल मीरा एमएन के मुताबिक, छात्रों के पॉजिटिव रिस्पॉन्स के बाद 3000 से अधिक छात्रों वाले इस स्कूल के अगले एकेडमिक सेशल में जेनरेटिव एआई रोबोट टीचर की संख्या को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।