Edited By ,Updated: 10 Aug, 2015 04:00 PM
मशहूर शायर अनवर जलालपुरी द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की वाणी ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ को उर्दू शायरी में ढालने की अनूठी कोशिश किये जाने के बाद अब एक मुस्लिम युवक ने मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम के अनन्य भक्त मारूति नन्दन की स्तुति के लिये पढ़े जाने वाले ‘हनुमान...
लखनऊ: मशहूर शायर अनवर जलालपुरी द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की वाणी ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ को उर्दू शायरी में ढालने की अनूठी कोशिश किये जाने के बाद अब एक मुस्लिम युवक ने मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम के अनन्य भक्त मारूति नन्दन की स्तुति के लिये पढ़े जाने वाले ‘हनुमान चालीसा’ का उर्दू पद्य में भावानुवाद किया है। हमारी गंगा-जमुनी तहजीब को ताकत देती यह कोशिश करने वाले जौनपुर के निवासी आबिद अल्वी ने बातचीत में कहा ‘‘मैंने उर्दू शायरी की मुसद्दस विधा में हनुमान चालीसा का भावानुवाद किया है। जिस तरह चौपायी में चार पंक्तियां होती हैं, उसी तरह मुसद्दस में छह पंक्तियों में पगे तीन शेर होते हैं। हनुमान चालीसा का उर्दू रूपान्तरण कुल 15 बंद में लिखा गया है।’’
जौनपुर के रहने वाले परास्नातक के छात्र अल्वी ने कहा कि वह हनुमान चालीसा के अलावा शिव चालीसा तथा एेसी ही अन्य प्रार्थनाआें को उर्दू शायरी में ढालने की वाहिश रखते हैं। एेसा करने का मकसद यह है कि मुस्लिम समाज के लोग अपने हिन्दू भाइयों के आराध्यों के बारे में बेहतर तरीके से जान सकें। इससे हमारा भाईचारा और मजबूत होगा तथा देश खुशहाली की तरफ बढ़ेगा। हिन्दी के छात्र रहे अल्वी ने कहा कि एक बार वाराणसी में कुछ सैलानियों ने उनसे हनुमान चालीसा पढऩे को कहा था। उसी दौरान उनके मन में इसे उर्दू में लिखने का विचार आया था। इस प्रार्थना का उर्दू में भावान्तरण करने के लिये उन्हें तीन महीने तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी।