JP Group की सुप्रीम कोर्ट में गुहार, बेचना चाहते है यमुना एक्सप्रेस-वे की संपत्ति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 01:22 PM

jp group s supreme court wants to sell gadhar property of yamuna expressway

जेपी इन्फ़्राटेक फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। जेपी इन्फ़्राटेक की ओर से

नई दिल्लीः जेपी इन्फ़्राटेक फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। जेपी इन्फ़्राटेक की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि हम 2000 करोड़ रुपया जमा कराने की हालत में नहीं हैं. यमुना एक्सप्रेस-वे की संपत्ति को हम बेचना चाहते हैं, जिससे 2500 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिससे हम 2000 करोड़ रुपये का भुगतान कर सकेंगे. जेपी इन्फ़्राटेक ने सुप्रीम कोर्ट से इस संपत्ति को बेचने की इजाज़त मांगी है।

 सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 23 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने जेपी ग्रुप को झटका देते हुए उसकी SEZ लीज को खत्म कर दिया है। जेपी ग्रुप पर यमुना अथॉरिटी का 453 करोड़ रुपये का बकाया था। अथॉरिटी ने 500 एकड़ की जमीन अलॉट की थी।  यह जमीन ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ है। इस जमीन के पास में ही बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और जेपी की स्पोर्ट्स सिटी मौजूद है। जेपी ने अथॉरिटी से लीज पर जमीन लेकर के कई प्राइवेट बिल्डरों को सब-लीज पर दे दी थी।

प्राधिकरण के पास है जमीन का मौलिक अधिकार
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में दी गई जमीन 90 साल की लीज पर थी। लीज होल्ड होने के कारण मालिकाना हक प्राधिकरणों के पास ही है। ऐसे में कोई भी बैंक या संस्था तब तक यहां की किसी भी संपत्ति की नीलामी नहीं कर सकती, जब तक कि प्राधिकरण से एनओसी न ले ले। प्राधिकरणों का कहना है कि किसी भी संपत्ति की नीलामी की अनुमति देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्राधिकरण और खरीदारों का पैसा न डूबे। ऐसे में अगर जेपी इंफ्राटेक के नाम पर आवंटित संपत्ति की नीलामी का आदेश होता है तो भी प्राधिकरण की मर्जी के बिना बैंक नीलामी नहीं कर सकेगा। 

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