Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jan, 2018 02:50 PM
ज्योतिष के मतानुसार शनि की महादशा, अन्तर्दशा या कुण्डली में लग्र स्थान, दूसरे, चौथे या आठवें और बारहवें घर में शनि विद्यमान हो तो शनि अपना क्रूर प्रभाव दिखाएगा ही दिखाएगा इसलिए शनि पूजन करना अवश्यक है।
ज्योतिष के मतानुसार शनि की महादशा, अन्तर्दशा या कुण्डली में लग्र स्थान, दूसरे, चौथे या आठवें और बारहवें घर में शनि विद्यमान हो तो शनि अपना क्रूर प्रभाव दिखाएगा ही दिखाएगा इसलिए शनि पूजन करना अवश्यक है। यदि आप पर भी शनि का साया मंडरा रहा है या शनि दशा का आरंभ होने वाला है तो श्याम तुलसी से शनि देव का पूजन करने से शनि संबंधित कष्टों से तो निजात मिलता ही है साथ ही जीवन में आने वाले कष्टों का भी निवारण हो जाता है।
शनि पूजन में काली तुलसी अर्पित करते हुए नीचे लिखे मंत्र का उच्चारण श्रद्धा भाव से करें
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभिस्त्रवन्तु न:।
इस मंत्र का उच्चारण प्रतिदिन प्रात: और संध्या के समय शुद्ध होकर काले कपड़े धारण करके करें। अगर प्रतिदिन संभव न हो तो शनिवार के दिन सुबह और शाम शनि मंदिर में जाकर उनके स्वरूप का विशेष सामग्री से पूजन करें और उपरोक्त मंत्र का जाप करें।
अंत में शनि देव को तेल से बने पकवानों का भोग लगाएं और आरती करें। ऐसा करने से कष्टों से रक्षा, सौभाग्य व सुख की प्राप्ति होती है।