24 घण्टे में से निकालें सिर्फ 5 मिनट, आपकी इच्छा के अनुसार होंगे सारे काम

Edited By ,Updated: 07 Jan, 2017 10:35 AM

lord shiva

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति इतना व्यस्त हो गया है की भगवान के नाम पर या यूं कहा जाए उनके लिए समय नहीं है। स्मरण रहे, इस सृष्टि का संचालन उनकी कृपा से ही हो रहा है।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति इतना व्यस्त हो गया है की भगवान के नाम पर या यूं कहा जाए उनके लिए समय नहीं है। स्मरण रहे, इस सृष्टि का संचालन उनकी कृपा से ही हो रहा है। भौतिक जीवन में केवल वही व्यक्ति उन्नति कर सकता है जो आध्यात्म से जुड़ा है। दिन में एक समय अवश्य ऐसा निकालें जब आप ईश अराधना में समय व्यतित करें। 24 घण्टे में से निकालें सिर्फ 5 मिनट जिस समय आप भगवान शिव की उपासना कर सकें। रूद्र स्वयं तारक ब्रह्म हैं, उनके नाम जाप से दिन का आरंभ करेंगे तो कोई भी अन्य देवी-देवता को प्रसन्न करने की अवश्यकता नहीं होगी।


* सुबह उठकर एक मिनट के लिए भगवान शिव का ध्यान करें। पुरूष महादेव के चित्रपट अथवा स्वरूप के सामने दण्डवत प्रणाम करें और महिलाएं सिर झुका कर दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करें। दिन का पहला ये एक मिनट आपको सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। कोई भी संकट आपको छू भी नहीं पाएगा।


*  स्नान आदि से निवृत होने के बाद दूसरे मिनट में शिवलिंग के सामने गाय के शुद्ध देसी घी का दीपक लगाएं। धूप-अगबत्ती दिखाएं, फिर उसे हाथ में पकड़कर 9 बार परिक्रमा करें। जीवन में सभी परेशानियों से बचाएगा ये दूसरा मिनट। भगवान शिव की परिक्रमा करने से संपूर्ण संसार की परिक्रमा हो जाती है।


* तीसरे मिनट में शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित करें और साथ में ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। ऐसा करने से संतान से संबंधित सभी समस्याएं समाप्त होंगी। निसंतान को संतान मिलेगी, जिनकी संतान उनके कहने में नहीं है वो आज्ञाकारी होगी।


* चौथे मिनट में शुद्ध जल (हो सके तो गंगा जल मिलाएं) धार के रूप में शिललिंग पर चढ़ाएं। ऐसा करने से संबंधों में प्रगाढ़ता आती है, टूटे रिश्ते फिर से बनने लगते हैं।


* पांचवें मिनट में एक थाल में कपूर जलाएं और भगवान शिव की आरती करें।

ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा |
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा......
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे |
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा......
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें |
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥ ॐ जय शिव ओंकारा......
अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी |
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा......
श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें |
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगें॥ ॐ जय शिव ओंकारा......
कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता |
जगकर्ता, जगभर्ता, जगससंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव ओंकारा...... 
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका |
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव ओंकारा......
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी |
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा......
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें |
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें ॥ ॐ जय शिव ओंकारा.....
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा......

अब अपनी शक्ति के अनुसार दक्षिणा शिवलिंग पर चढ़ाएं। ऐसा करने से कोई भी टोना- टोटका आपके मार्ग में बाधा उत्पन्न नहीं कर पाएगा। मनचाही सफलता के साथ धन का अभाव समाप्त होगा।

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