वैलेंटाइन्स डे मनाए जाने की कहानी के साथ, जानें 14 फरवरी के बदलते मायने

Edited By ,Updated: 14 Feb, 2017 11:16 AM

story of valentine day celebration

प्यार एक ऐसा खूबसूरत एहसास है जिसे कुछ शब्दों में परिभाषित करना मुश्किल है। जितना आसान यह दिखता है, इसकी राहें उतनी ही कठिन हैं।

प्यार एक ऐसा खूबसूरत एहसास है जिसे कुछ शब्दों में परिभाषित करना मुश्किल है। जितना आसान यह दिखता है, इसकी राहें उतनी ही कठिन हैं। इसकी गहराई केवल इसे जीने वाला ही समझ सकता है। एक-दूसरे को प्यार करना या थोड़ा समय रोमांस कर लेना प्रेम नहीं है, एक-दूसरे को समझना, सम्मान और अहमियत देना सच्चे प्रेम के मायने हैं। ‘वैलेंटाइन्स-डे’ यानी विश्वभर के प्रेमियों का दिन, अनेक रूढिय़ों को तोड़ता तथा दिलों के रिश्तों को मजबूत बनाता एक खास दिन जब पूरी दुनिया प्रेम में डूबी होती है। यूरोप के इतिहास के अनुसार मध्य युग में इस प्रथा का आरंभ इटली से माना जाता है। मध्ययुगीन यूरोप में यह विश्वास प्रचलित था कि 14 फरवरी से पक्षी अपने जोड़े बनाने शुरू करते हैं, शायद यही वजह प्रेम-दिवस की शुरूआत कही जा सकती है। ऐसा भी माना जाता है कि यह दिन मूल रूप से रोम के एक संत वैलेंटाइन के नाम पर रखा गया है परंतु ऐतिहासिक दृष्टि से इसमें काफी मत हैं। 1260 में संकलित की गई पुस्तक ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉरजिन’ में संत वैलेंटाइन का जिक्र है जिसके अनुसार रोम में तीसरी शताब्दी में सम्राट क्लॉडियस का शासन था। उसके अनुसार विवाह करने से पुरुषों की ताकत और बुद्धि कम हो जाती है, उसकी इसी सोच के कारण उसने यह घोषणा कर दी कि उसकी सेना का कोई भी व्यक्ति विवाह नहीं करेगा। संत वैलेंटाइन ने इस क्रूर आदेश का विरोध करते हुए अनेक सैनिकों के विवाह करवाए। तब क्लॉडियस ने 14 फरवरी सन् 269 को संत वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया, तब से उनकी स्मृति में यह दिन मनाने की परंपरा की शुरूआत हुई। 


बदल रहे हैं वैलेंटाइन्स डे के मायने 
अब वैलेंटाइन-डे केवल प्रेमी-प्रेमिका के प्रेम के प्रतीक के रूप तक ही सीमित नहीं रहा है। अपने प्यार को प्रदर्शित करने का चलन घर-परिवार में भी अपनी पांव पसार रहा है। प्यार के खूबसूरत एहसास और इसकी गरिमा को बरकरार रख कर हम अपने बड़े होते बच्चों को तोहफे देकर और उनके साथ कुछ पल बिताकर उन्हें मर्यादित तरीके से इस दिन को मनाने के पहलू से अवगत करा सकते हैं क्योंकि कई बार टीनएजर बच्चे वैलेंटाइन-डे की उत्सुकता में कुछ गलत हरकतें कर बैठते हैं और मात्र आकर्षण को प्यार समझ कर उसे दिल से लगा बैठते हैं। ऐसे में उन्हें अपने घर-परिवार से मिले सहयोग से समझ में आ जाएगा कि यह दिन शालीन रिश्तों और अपनों संग प्यार प्रदर्शित करने तथा प्यार को और अधिक प्रगाढ़ बनाने का दिन है। अपने घनिष्ठ दोस्तों एवं पारिवारिक सदस्यों के लिए अपनी व्यस्त दिनचर्या से एक दिन का समय निकाल कर उसे सबके लिए खास बना देना ही वैलेंटाइन-डे का मुख्य उद्देश्य है।     


क्या है प्यार 
प्यार हर रूप में केवल प्यार है जो एक पवित्र भावना के साथ इंसान को खुदा के साथ जोड़ देता है। प्यार वहां से शुरू होता है जहां से सब शब्द और परिभाषाएं गौण हो जाती हैं। प्यार में समर्पण बहुत मायने रखता है। अगर आप सच में किसी से प्यार करते हैं तो उसे उसकी अच्छाइयों और बुराइयों के साथ स्वीकारना सीखें। बिना किसी उम्मीद के उसका ख्याल रखें और उसके अच्छे के बारे में सोचें। अपने पार्टनर पर ऐसी बंदिशें न लगाएं कि वह आपके कहे अनुसार ही चले।  माना कि प्यार में थोड़ी बंदिशें जरूरी होती हैं परंतु उनकी इंतेहा नहीं होनी चाहिए। यह रिश्ता बहुत नाजुक होता है इसलिए इसे समझदारी और धैर्य से संभालना जरूरी है। आपके रिश्ते में पारदर्शिता जरूरी है, अगर आप दोस्त बनकर हर बात समझेंगे तो आपका विश्वास कभी नहीं टूटेगा।

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