श्रीमद्भगवद्गीता: कृष्णभावनामृत का रहस्य जानने के लिए पढ़ें...

Edited By ,Updated: 28 Jul, 2016 01:54 PM

bhagwad gita

श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप व्याख्याकार : स्वामी प्रभुपाद अध्याय 5 (कर्मयोग) गीता व्याख्या, इंद्रिय तृप्ति के लोभी को शांति नहीं युक्त: कर्मफलं

श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप व्याख्याकार : स्वामी प्रभुपाद अध्याय 5 (कर्मयोग)

अर्जुन में ऐसी क्या खास बात थी जो श्रीकृष्ण ने उसे भगवद् गीता का ज्ञान दिया

गीता व्याख्या, इंद्रिय तृप्ति के लोभी को शांति नहीं

युक्त: कर्मफलं त्यक्त्वा शांतिमाप्रोति नैष्ठिकीम्।

आयुक्त: कामकारेण फले सक्तो निबध्यते॥ 12॥

युक्त:—भक्ति में लगा हुआ; कर्म-फलम्—समस्त कर्मों के फल को;  त्यक्त्वा—त्यागकर;  शान्तिम्— पूर्ण शांति को; आप्नोति—प्राप्त करता है; नैष्ठिकीम्—अचल; अयुक्त:—कृष्णभावना से रहित; काम-कारेण—कर्मफल को भोगने के लिए;  फले—फल में; सक्त:—आसक्त; निबध्यते—बंधता है।

श्रीमद्भगवद्गीता: ब्रह्मभूत अवस्था प्राप्त करने पर निश्चित है भगवद्धाम जाना

अनुवाद : निश्चल भक्त शुद्ध शांति प्राप्त करता है क्योंकि वह समस्त कर्मफल मुझे अर्पित कर देता है, किन्तु जो व्यक्ति भगवान से युक्त नहीं है और जो अपने श्रम का फलकामी है, वह बंध जाता है।

भगवद्गीता: श्री कृष्ण की शरण में जाने पर होने लगते हैं चमत्कार

तात्पर्य : एक कृष्णभावनाभावित व्यक्ति तथा एक देहात्मबुद्धि वाले व्यक्ति में यह अंतर है कि पहला तो कृष्ण के प्रति आसक्त रहता है जबकि दूसरा अपने कर्मों के फल के प्रति आसक्त रहता है। जो व्यक्ति कृष्ण के प्रति आसक्त रहकर उन्हीं के लिए कर्म करता है वह निश्चय ही मुक्त पुरुष है और उसे अपने कर्मफल की कोई चिंता नहीं व्यापती। भागवत में किसी कर्म के फल की चिंता का कारण परमसत्य के ज्ञान के बिना द्वैतभाव में रहकर कर्म करना बताया गया है। कृष्ण श्री भगवान हैं। 

कृष्णभावनामृत में कोई द्वैत नहीं रहता। जो कुछ विद्यमान है वह कृष्ण की शक्ति का प्रतिफल हैं और कृष्ण सर्वमंगलमय हैं। अत: कृष्णभावनामृत में सम्पन्न सारे कार्य परम पद पर हैं। वे दिव्य होते हैं और उनका कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ता। इस कारण कृष्णभावनामृत में जीव शांति से पूरित रहता है। किन्तु जो इन्द्रियतृप्ति के लिए लाभ के लोभ में फंसा रहता है, उसे शांति नहीं मिल सकती। यही कृष्णभावनामृत का रहस्य है। यह अनुभूति कि कृष्ण के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है शांति तथा अभय का पद है।     

(क्रमश:) 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!