Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 04:29 PM
2019 में निर्धारित लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष और महागठबंधन की संभावनाओं की एक बार फिर से तलाश शुरू कर दी गई है। चंद्रशेखर राव, सोनिया गांधी के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद को अमली जामा पहनाने के...
नेशनल डेस्क: 2019 में निर्धारित लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष और महागठबंधन की संभावनाओं की एक बार फिर से तलाश शुरू कर दी गई है। चंद्रशेखर राव, सोनिया गांधी के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद को अमली जामा पहनाने के लिए चार दिवसीय प्रवास के तहत दिल्ली पहुंची। अपने चार दिवसीय प्रवास के बीच ममता बनर्जी कई पार्टी प्रमुखों व प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगी। इसके साथ ही वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की ओर से बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में भी शामिल होंगी।
राहुल से नहीं होगी मुलाकता
अपने दिल्ली प्रवास के दौरान ममता बनर्जी जनता दल (यू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद केजरीवाल समेत शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से भेंट करेंगी। सबसे खास बात यह कि विपक्ष के गठबंधन को एकजुट करने दिल्ली पहुंची ममता अपनी पुरानी सहयोगी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात नहीं करेंगी।
सोनिया ने की पहल, भेजा आमंत्रण
ममता द्वारा संसद में विपक्ष के कई सांसदों के साथ विचार विमर्श किए जाने की संभावना भी है। हालांकि राहुल गांधी से मिलने को लेकर ममता की ओर से अभी कोई पुष्टि नहीं की गई है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ममता को उनसे मिलने आने का आमंत्रण भेजा था, जिसे ममता बनर्जी ने स्वीकार किया है। हालांकि ममता की ओर से सोनिया के इस आमंत्रण की स्वीकृति के संबंध में अब तक कुछ नहीं कहा गया है। माना जा रहा है कि ममता अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ साल 2019 में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं, जिसके लिए उन्होंने विपक्षी पार्टियों को साधने के लिए अपना प्रवास शुरू किया है।
चंद्रशेखर राव और अखिलेश से भी की थी भेंट
ममता के इस प्रवास के बारे में टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि वह एक स्पष्ट अजेंडा लेकर दिल्ली पहुंची हैं। टीएमसी नेता के मुताबिक ममता ने तय किया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का हिस्सा नहीं बनेंगी। टीएमसी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, ऐसे में यह ठीक नहीं होगा कि टीएमसी गठबंधन का हिस्सा बने। बता दें कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की दिशा में पूर्व में ममता ने तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। ऐसे में ममता के दिल्ली प्रवास पर कांग्रेस से उनकी दूरी और विपक्षी नेताओं से मुलाकात लोकसभा चुनाव से पूर्व सियासी समझौतों की तमाम संभावनाओं की ओर इशारा कर रही है।