Second-hand vehicles : अगर आप भी पुरानी Car, Bike या Scooter खरीदने की सोच रहे हैं तो ज़रा हो जाइए सावधान! नही तो...

Edited By Updated: 21 Dec, 2025 09:32 AM

buying a used car in delhi is no longer easy

अगर आप दिल्ली में पुरानी कार, बाइक या स्कूटर खरीदने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए सेकंड हैंड वाहनों (Second-hand vehicles) की खरीद-फरोख्त के नियमों को पहले से कहीं ज्यादा कड़ा कर दिया है। अब...

Purchase Second-Hand Car : अगर आप दिल्ली में पुरानी कार, बाइक या स्कूटर खरीदने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए सेकंड हैंड वाहनों (Second-hand vehicles) की खरीद-फरोख्त के नियमों को पहले से कहीं ज्यादा कड़ा कर दिया है। अब गाड़ी खरीदने के बाद उसके कागज अपने नाम कराने में की गई देरी आपको जेल की हवा भी खिला सकती है।

15 दिन के भीतर RC ट्रांसफर अनिवार्य

दिल्ली पुलिस के नए आदेश के मुताबिक अब पुराना वाहन खरीदने के बाद 15 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) को नए मालिक के नाम ट्रांसफर कराना कानूनी रूप से अनिवार्य होगा। यदि तय समय सीमा के भीतर दस्तावेज ट्रांसफर नहीं किए जाते हैं तो पुलिस खरीदार के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। यह सख्ती लाल किले के पास हुए हालिया कार धमाके की जांच के बाद आई है। उस मामले में इस्तेमाल की गई कार का आरसी पुराने मालिक के नाम पर ही था जिससे पुलिस जांच में काफी रुकावट आई थी।

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वाहन डीलरों के लिए भी रेड अलर्ट

चूंकि पुरानी गाड़ियों का बाजार ज्यादातर डीलरों के जरिए चलता है इसलिए पुलिस ने यूज्ड कार डीलरों (Used Car Dealers) की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। हर डीलर को एक आधिकारिक रजिस्टर रखना होगा जिसमें गाड़ी बेचने वाले और खरीदने वाले की पूरी जानकारी (KYC) दर्ज होनी चाहिए। यदि किसी सौदे के बाद आरसी ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो संबंधित डीलर को भी दोषी माना जाएगा और उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। दिल्ली के सभी जिलों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने इलाके के पुराने वाहन डीलरों की गतिविधियों की नियमित जांच करें।

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जांच और डेटा की स्थिति

दिल्ली में वर्तमान में लगभग 1.22 करोड़ पंजीकृत वाहन हैं। पुलिस का मानना है कि आरसी ट्रांसफर को समयबद्ध (Time-bound) बनाने से दो मुख्य फायदे होंगे:

  • अपराधियों पर नकेल: वारदात के बाद असली आरोपी तक तुरंत पहुंचा जा सकेगा।

  • निर्दोषों की सुरक्षा: गाड़ी बेचने के बाद पुराने मालिक को पुलिसिया पूछताछ और कानूनी झंझटों से मुक्ति मिलेगी।

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पुरानी गाड़ी खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

खरीदारी से पहले एनओसी (NOC) और पेंडिंग चालान जरूर चेक करें। वाहन लेते ही आरटीओ (RTO) में ट्रांसफर के लिए आवेदन करें। सुनिश्चित करें कि डीलर ने आपका विवरण अपने आधिकारिक रिकॉर्ड में सही दर्ज किया है।

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