Edited By Tanuja,Updated: 16 Dec, 2025 06:41 PM

पाकिस्तान पर घटिया और एक्सपायर्ड दवाइयां भेजने का आरोप लगने के बाद अफगानिस्तान ने उसके साथ व्यापार बंद कर दिया है। तालिबान सरकार अब भारत की ओर उम्मीद से देख रही है। इसी क्रम में अफगान स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली पहुंचे हैं, जहां मेडिकल सहयोग पर अहम...
International Desk: पाकिस्तान से लगातार मिल रही व्यापारिक धोखाधड़ी से परेशान अफगानिस्तान ने अब इस्लामाबाद के साथ ट्रेड के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं और भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह दवाइयों के नाम पर घटिया क्वालिटी और एक्सपायर्ड मेडिसिन भेज रहा था, जो मरीजों के लिए फायदे की बजाय जानलेवा साबित हो रही थीं।
इसी पृष्ठभूमि में अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली भारत दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि यह दौरा भारत-अफगानिस्तान स्वास्थ्य सहयोग को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है। अफगानिस्तान का स्वास्थ्य ढांचा इस समय बुरी तरह चरमरा चुका है और देश को दवाइयों, मेडिकल उपकरणों, डॉक्टरों की ट्रेनिंग और मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है। हालांकि, जलाली के दौरे को लेकर अभी आधिकारिक कार्यक्रम सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार भारत से दवाइयों की आपूर्ति, मेडिकल सपोर्ट और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग पर बातचीत हो सकती है।
कुछ महीने पहले अफगान सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए व्यापारिक रिश्ते खत्म कर दिए थे। काबुल ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान से आने वाली कई दवाइयां एक्सपायर्ड थीं और कुछ मामलों में मरीजों की हालत और बिगड़ गई। इसे अफगानिस्तान ने ‘मानवीय अपराध’ करार दिया था। तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी और उद्योग मंत्री नूरुद्दीन अजीजी के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री का भारत आना इस बात का संकेत है कि काबुल भारत के साथ व्यापार, मानवीय सहायता और गैर-राजनीतिक सहयोग को मजबूत करना चाहता है। भारत पहले ही अफगानिस्तान को शिक्षा, सड़क निर्माण, खाद्यान्न, दवाइयों और अन्य मानवीय सहायता उपलब्ध कराता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान से दूरी बनाकर भारत को नया रणनीतिक साझेदार बनाना अफगानिस्तान की मजबूरी भी है और जरूरत भी।