हजारों व्यापरियों की उम्मीद पर इस दिवाली फिरेगा पानी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Oct, 2017 01:06 PM

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नोटबंदी और जीएसटी के मारे व्यापारियों पर सुप्रीम कोर्ट का पटाखों पर बैन का फैसला किसी बड़े बम की तरह फूटा है।

नई दिल्ली: नोटबंदी और जीएसटी के मारे व्यापारियों पर सुप्रीम कोर्ट का पटाखों पर बैन का फैसला किसी बड़े बम की तरह फूटा है। अनुमान के मुताबिक केवल दिल्ली में ही दिवाली के मौके पर यहां पटाखों का करीब 1000 करोड़ रुपए का कारोबार होता है और एनसीआर के बाकी शहरों को शामिल कर लिया जाए, तो कुल  मिलाकर यह आंकड़ा करीब 1500 करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है। हजारों व्यापारी इस दिवाली पर मोटे मुनाफे की आस लगाए बैठे थे, लेकिन अब त्यौहार से पहले ही उनका दिवाला निकलता दिखाई पड़ रहा है। 
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12 सितम्बर को यह कहा था एससी ने
-पटाखों की बिक्री के लिए पुलिस की निगरानी में लाइसेंस दिए जाएं। 
-2016 में जितने लाइसेंस दिए गए इस बार उससे 50 फीसदी ही दिए जाएं।
-साइलेंस जोन (हॉस्पिटल, कोर्ट, धार्मिक स्थल और स्कूल) के 100 मीटर के दायरे में पटाखे न चलाए जाएं।
-पटाखे बनाने में लीथियम, लेड, पारा, एंटीमोनी और आर्सेनिक का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। 
-दिल्ली-एनसीआर में अगले आदेश तक दूसरे राज्यों से पटाखे न लाए जाएं।
-इस साल दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर के लिए 50 लाख किलो पटाखे पर्याप्त हैं।
-सिर्फ 24 अस्थायी दुकानों को पटाखे बेचने का लाइसेंस दिया गया था सदर में।

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