Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jul, 2017 07:32 PM
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े आतंकी संगठन हिजबुल मुझाहिदीन का मकसद राजनीतिक था और अलकायदा की तरह इस्लामवादी नहीं था।
श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े आतंकी संगठन हिजबुल मुझाहिदीन का मकसद राजनीतिक था और अलकायदा की तरह इस्लामवादी नहीं था। उमर ने कहा कि हिजबुल का मक्सद राजनीतिक हैं। उनका मकसद कश्मीर को भारत के हिस्से के रुप में हटाना हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमें यह समझने की जरुरत है कि आज भी घाटी में सबसे बड़े आतंकवादी संगठन के रुप में काम करने वाला हिजबुल मुझाहिदीन हैं। यह मुख्य रुप से कश्मीरी युवाओं से बना हैं।
अब्दुल्ला ने कश्मीर पर कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए कहा कि उनका मकसद राजनीतिक है। वह कश्मीर को भारत से अलग करना चाहते हैं और अल-कायदा द्वारा संचालित जाकिर मूसा वाला मकसद नहीं हैं। हिजबुल के पूर्व कमांडर मूसा जिनको अब जम्मू कश्मीर में अल-कायदा की इकाई का प्रमुख बनाया गया हैं, के बारे में पूछे गए सवाल का उमर जवाब दे रहे थे। उमर ने कहा कि कश्मीर में हर बंदूकधारी को मूसा के ब्रश के साथ पेंट करना सही नहीं है।