‘यह साढ़ेसाती का प्रकोप तो नहीं!’

Edited By ,Updated: 26 Apr, 2015 01:16 AM

article

26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अच्छे दिनों के वादे के साथ भाजपा सरकार केंद्र में अस्तित्व में आई। इसे सत्ता में आए 11 महीने हो गए हैं

26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अच्छे दिनों के वादे के साथ भाजपा सरकार केंद्र में अस्तित्व में आई। इसे सत्ता में आए 11 महीने हो गए हैं लेकिन अभी तक लोगों को अच्छे दिनों का इंतजार है। 

इस वर्ष अच्छी वर्षा के दौर के बाद किसानों और सरकार को पूरा भरोसा था कि रबी की फसल के सारे रिकार्ड टूट जाएंगे लेकिन वर्षा के अच्छे दौर के बाद उत्तरी भारत में सक्रिय ‘वैस्टर्न डिस्टर्बैंस’ के कारण जनवरी के उत्तराद्र्ध से देश में खराब मौसम और रह-रह कर वर्षा, आंधी-तूफान और ओलावृष्टि का ऐसा दौर चला कि न सिर्फ किसानों की सारी आशाओं पर पानी फिर गया बल्कि कभी गर्म और कभी सर्द मौसम की मार से बीमारियों का प्रकोप भी फैला। 
 
जहां रिकार्ड फसल की आशा की जा रही थी वहीं इसकी मात्रा अब पिछले वर्ष से भी कम हो गई है। पिछले एक दशक में पहली बार फसलों की इतनी तबाही हुई है। प्रभावित फसल का आंकड़ा 85 लाख हैक्टेयर के पूर्व अनुमान से बढ़कर 95 लाख हैक्टेयर को भी पार कर सकता है।
 
इसी कारण कुछ समय पहले तक कुछ घट रही महंगाई के पुन: बढऩे का खतरा पैदा हो गया है। फसलों की भारी तबाही के चलते पंजाब, महाराष्ट, हरियाणा आदि में किसानों की आत्महत्याओं का दौर भी जारी है।
 
महाराष्ट में इनकी संख्या 1000 से अधिक बताई जाती है जबकि उत्तर प्रदेश में सैंकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हरियाणा तथा पंजाब से भी किसानों द्वारा आत्महत्याओं के समाचार लगातार आ रहे हैं।
 
नई दिल्ली में 23 अप्रैल को ‘आम आदमी पार्टी’ की किसान रैली में राजस्थान के एक किसान गजेंद्र सिंह द्वारा सबकी आंखों के सामने फांसी पर लटक जाने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
 
मंगलवार 21 अप्रैल रात को बिहार में आया प्रचंड तूफान नीतीश कुमार की सरकार के लिए अत्यधिक अमंगलकारी सिद्ध हुआ जिसके परिणामस्वरूप न सिर्फ 59 लोगों की मृत्यु हो गई बल्कि सैंकड़ों लोग घायल हो गए। तूफान से सैंकड़ों मकान नष्टï हो गए और फसलों को भी भारी क्षति पहुंची। 
 
वहीं अब 25 अप्रैल को पड़ोसी देश नेपाल तथा भारत में दिल्ली सहित उत्तर भारत के अनेक भागों में तीव्र भूकंप के लगभग एक दर्जन झटके महसूस किए गए। नेपाल में भूकम्प की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 मापी गई।
 
इनके परिणामस्वरूप नेपाल तथा भारत में मृतकों की संख्या 1500 तक पहुंच गई और घायलों की संख्या इतनी अधिक है कि उनका सड़कों पर इलाज किया जा रहा है। भूकम्प के बाद नेपाल में महाराष्ट्र और तेलंगाना के लगभग 125 लोग फंसे हुए हैं। इनमें से 80 के लगभग नासिक के रहने वाले हैं और उनमें से अधिकांश पर्यटक हैं। 
 
काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास परिसर में एक मकान ढह जाने से दूतावास के एक कर्मचारी की पत्नी की मृत्यु हो गई और भूकंप के झटके भारत में भी भारी विनाश का कारण बने हैं। 
 
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर तथा इनके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए जिससे प्राण हानि के अलावा सम्पत्ति को भी भारी क्षति पहुंचने के समाचार हैं। 
 
यह लेख लिखे जाने तक भी रह-रह कर झटके आ रहे थे। रात 9.30 बजे भी दिल्ली में भूकम्प के झटके लगे तथा और 3 दिनों तक इनके जारी रहने की संभावना है। भूकंप के कारण दिल्ली की मैट्रो सेवा भी कुछ समय के लिए बाधित रही जबकि कोलकाता में सुरंग में दरार आ जाने के कारण मैट्रो सेवा अभी भी बाधित है। 
 
भारत में भूकंप से सर्वाधिक विनाश बिहार में हुआ है जहां 34 लोग मारे गए जबकि उत्तर प्रदेश में 8 और बंगाल में 5 लोगों की मृत्यु हुई है और अनेक स्थानों पर मकानों में दरारें पड़ गई हैं। पटना में भी बड़ी संख्या में मकान क्षतिग्रस्त Þए हैं। 
 
पहले बेमौसमी वर्षा के परिणामस्वरूप फसलों की तबाही, कृषकों की आत्महत्याएं और मौसम के उतार-चढ़ाव से बीमारी के प्रकोप तथा बिहार में आंधी से हुई मौतों के बाद अब शनिवार को आए भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए मन में यह शंका उत्पन्न हो रही है कि कहीं यह शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप तो नहीं!

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!