शहरों में महंगाई में कुछ कमी तो ग्रामीण क्षेत्रों में हुई वृद्धि

Edited By ,Updated: 15 Apr, 2024 05:27 AM

there was some decline in inflation in cities and increase in rural areas

हालांकि खाद्य पदार्थों की महंगाई में कुछ कमी आई है और फरवरी के 5.1 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में कम होकर 10 महीनों के न्यूनतम स्तर 4.85 पर पहुंच गई, परंतु कीमतें लगातार दबाव में बनी हुई हैं तथा खाद्य महंगाई 8.52 पर खड़ी रही जो फरवरी महीने के 8.66...

हालांकि खाद्य पदार्थों की महंगाई में कुछ कमी आई है और फरवरी के 5.1 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में कम होकर 10 महीनों के न्यूनतम स्तर 4.85 पर पहुंच गई, परंतु कीमतें लगातार दबाव में बनी हुई हैं तथा खाद्य महंगाई 8.52 पर खड़ी रही जो फरवरी महीने के 8.66 प्रतिशत से मामूली कम है। इस अवधि के दौरान अनाजों और मांस की कीमतें चढ़ीं जबकि सब्जियों, दालों, मसालों और अंडों की महंगाई दोहरे अंकों में बनी रही। 

मार्च में शहरी इलाकों में मुद्रास्फीति फरवरी में 4.14 प्रतिशत से घट कर 4.8 हो गई परंतु ग्रामीण इलाकों में यह फरवरी में 5.34 प्रतिशत से बढ़ कर मार्च में 5.45 प्रतिशत हो गई। ग्रामीण इलाकों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी वृद्धि का यह रुझान दिखाई दिया जो फरवरी में 8.3 प्रतिशत से बढ़ कर मार्च में 8.6 प्रतिशत हो गई जबकि शहरी इलाकों के उपभोक्ताओं के लिए महंगाई फरवरी में 9.2 प्रतिशत से घट कर मार्च में 8.35 प्रतिशत हो गई। मार्च में अनाज की कीमतों में वृद्धि फरवरी के 7.6 प्रतिशत से बढ़ कर 8.4 प्रतिशत हो गई। इसी प्रकार मांस और मछली के भाव भी एक महीने पहले के 5.2 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 6.4 प्रतिशत बढ़ गए। यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-2021) के अनुसार भारत में 57.3 प्रतिशत पुरुष और 45.1 प्रतिशत महिलाएं मांसाहारी हैं। 

हालांकि मसालों की कीमतों में फरवरी महीने की तुलना में कुछ कमी देखी गई है और यह 13.5 प्रतिशत से कम होकर 11.4 प्रतिशत से अधिक रहीं। सब्जी की कीमतें फरवरी में 7 महीने के उच्चतम स्तर 30.25 प्रतिशत से कुछ कम होकर पिछले महीने 28.3 प्रतिशत हो गईं। इसी प्रकार दालों की कीमतों में भी कुछ कमी देखने में आई जिनकी कीमत फरवरी में 18.5 प्रतिशत से कम होकर मार्च में 17.7. प्रतिशत हो गई। 

रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह महंगाई को ‘कमरे में हाथी’ करार देते हुए इसे हमेशा के लिए जंगल में लौटाने की जरूरत पर बल दिया था और उसे आशा है कि खुदरा मुद्रास्फीति इस वर्ष 5.4 प्रतिशत से कम होकर औसतन 4.5 प्रतिशत हो जाएगी जो चालू अप्रैल से जून तिमाही में औसत 4.9 प्रतिशत रहने की आशा है। बेशक आंकड़ों में खाद्य पदार्थों की महंगाई में कुछ कमी दिखाई दे रही है परंतु विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हो गई है और चूंकि मौसम वैज्ञानिकों द्वारा इस वर्ष पहले से कहीं अधिक गर्मी पडऩे की भविष्यवाणी की गई है इसलिए आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। अत: इस बात को ध्यान में रखते हुए ये जरूरी है कि सरकार देश में खाद्य संकट पैदा न होने दे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!