Edited By ,Updated: 30 May, 2015 10:01 AM
स्वस्थ तन और मन के लिए प्रतिदिन नहाना बहुत जरूरी है लेकिन शुभ समय पर नहाने से अनजाने में बहुत से लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। पुराणों के अनुसार ब्रह्ममुहूर्त में किया गया स्नान सबसे उत्तम स्नान होता है।
स्वस्थ तन और मन के लिए प्रतिदिन नहाना बहुत जरूरी है लेकिन शुभ समय पर नहाने से अनजाने में बहुत से लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। पुराणों के अनुसार ब्रह्ममुहूर्त में किया गया स्नान सबसे उत्तम स्नान होता है। स्नान करने से पूर्व तेल मालिश करनी चाहिए। जो मनुष्य ब्रह्म मुहूर्त यानी ठीक सूर्योदय से पूर्व स्नान करता है उसे देवी-देवताओं की कृपा के साथ अक्षय पुण्यों की भी प्राप्ति होती है।
श्लोक: गुणा दश स्नान परस्य साधो रूपञ्च तेजश्च बलं च शौचम्।
आयुष्यमारोग्यमलोलुपत्वं दु:स्वप्रनाशश्च यशश्च मेधा:।।
इस श्लोक के अनुसार ब्रह्ममुहूर्त में उठकर सुबह जल्दी नहाने से 10 लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
1. सदाबाहर सुंदर और चिरकाल तक जवान बने रहते हैं।
2. त्वचा में युवावस्था सा तेज एवं आकर्षण बना रहता है।
3. इससे त्वचा पर कांति आती है और त्वचा संबंधित रोग नहीं होते।
4. विचारों में पवित्रता आती है। गलत विचारों की ओर से मन हटता है
5. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
6. मानसिक शक्ति एवं बुद्धि का विकास होता है। जिससे की व्यक्ति उचित निर्णय लेने में सक्षम होता है।
7. अधिकतर बुरे स्वप्न ब्रह्म मुहूर्त के समय ही आते हैं। अगर इस समय बिस्तर का त्याग कर दिया जाए तो बुरे सपनों के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
8. सारा दिन शरीर में चुस्ती और फूर्ति बनी रहती है, आलस्य का नाश होता है।
9. स्वस्थ काया का निर्माण होगा जिससे दीर्घजीवन जीया जा सकता है।
10. मान और यश की प्राप्ति होती है।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com