हिन्दी विरोधी शिवराज सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 04:38 PM

hindi anti shivraj government

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार का हिन्दी प्रेम धीरे-धीरे ख़त्म होता जा रहा है, इसका प्रमाण बुधवार को शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश जिसमे शिक्षकों को गणवेश पहनना है उसके साथ एक पट्टीका लगाना है जो अँग्रेज़ी में है | जिसमे शिक्षको को नेशन बिल्डर यानी...

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार का हिन्दी प्रेम धीरे-धीरे ख़त्म होता जा रहा है, इसका प्रमाण बुधवार को शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश जिसमे शिक्षकों को गणवेश पहनना है उसके साथ एक पट्टीका लगाना है जो अँग्रेज़ी में है | जिसमे शिक्षको को नेशन बिल्डर यानी राष्ट्र निर्माता तो कहा है परंतु अँग्रेज़ी में | इस आदेश के खिलाफ हिन्दी भाषा के विकास के लिए कार्यरत संस्था मातृभाषा उन्नयन संस्थान व हिन्दीग्राम आंदोलन करेगी | स्कूली शिक्षा विभाग के उपसचिव के के द्विवेदी द्वारा जारी आदेश जिसके बिंदु ३ में स्पष्ट उल्लेख है कि शिक्षकों को गणवेश पर राष्ट्र निर्माता की पट्टी लगानी है परंतु आदेश के साथ जारी प्रारूप पट्टी पूर्ण रूप से अँग्रेज़ी में है, जिसमें नेशन बिल्डर लिखा है | भारत की राजभाषा हिन्दी है, और मध्यप्रदेश के लगभग सभी शासकीय विद्धयालय हिन्दी माध्यम में ही अध्यापन कार्य करवाते है | इसी स्थिति में शिक्षकों को पट्टी भी हिन्दी में ही लगानी चाहिए | मातृभाषा उन्नयन संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' ने कहा कि 'यदि सरकार हिन्दी भाषा की इस तरह अवहेलना करेगी और अँग्रेज़ी को महत्व देती पट्टीका को हिन्दी में नहीं करेगी तो संस्था प्रदेश भर में विरोध करेगी व हम अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल व उपवास का रास्ता अपनाकर इस गूंगी सरकार को हमारी आवाज़ सुनाएँगे क्योंकि भारत भूमि पर हिन्दी भाषा का ही अपमान व अवहेलना हिन्दी भाषी सहन नहीं कर सकते | इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री जी को भी पत्र भेजा है, उनके जवाब की प्रतिक्षा भी है|’ संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति सुराना ने कहा कि ' मातृभाषा उन्नयन संस्थान' देशभर में हिन्दी के अधिकारों के लिए लड़ रही है, और प्रदेश के मुखिया एक ओर तो दसवे विश्व हिन्दी सम्मेलन में हिन्दी के विकास के लिए घोषणाएँ करते है वही दूसरी ओर इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर हिन्दी की उपेक्षा करते है | इस तरह की दोगली नीति का संस्थान विरोध करेगी| प्रदेशभर में इसके लिए जनआंदोलन चलाया जाएगा |  वर्तमान में मध्यप्रदेश के लगभग ५१ जिलों में ही संस्थान से हिन्दी प्रेमी जुड़े हुए है | संस्था के माध्यम से जल्द ही इस काले फरमान के विरुद्ध जनआंदोलन का आरंभ कर हिन्दी भाषा का स्वाभिमान बचाया जाएगा| उक्त जानकारी संस्थान के संवाद सेतु रोहित त्रिवेदी ने दी |

 

डॉ अर्पण जैन अविचल
 

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