चंद रिश्वतखोर पुलिस कर्मचारी बन रहे विभाग की बदनामी का कारण

Edited By ,Updated: 12 Aug, 2023 05:23 AM

a few bribe takers are becoming the reason for the defamation of the department

हालांकि पुलिस विभाग के सदस्यों से अनुशासित तथा रिश्वतखोरी जैसी बुराइयों से रहित होने की उम्मीद की जाती है, परन्तु आज देश में चंद पुलिस कर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने विभाग की बदनामी का कारण बन रहे हैं और इसमें महिला पुलिस कर्मी भी समान रूप से...

हालांकि पुलिस विभाग के सदस्यों से अनुशासित तथा रिश्वतखोरी जैसी बुराइयों से रहित होने की उम्मीद की जाती है, परन्तु आज देश में चंद पुलिस कर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने विभाग की बदनामी का कारण बन रहे हैं और इसमें महिला पुलिस कर्मी भी समान रूप से शामिल पाई जा रही हैं, जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 9 अगस्त को नोएडा ( उत्तर प्रदेश) सैक्टर-20 पुलिस थाने के एक कांस्टेबल मुकेश राठौर को एक कैदी के रिश्तेदारों से 20,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में निलम्बित किया गया।
* 8 अगस्त को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने थाना सिटी-1 मालेरकोटला में तैनात सहायक सब इंस्पैक्टर (ए.एस.आई.) मालविंद्र सिंह के विरुद्ध मालेरकोटला जिले  के गांव हिमताना निवासी जगतार सिंह से 10,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज किया। विजीलैंस की टीम को देख कर शिकायतकत्र्ता से प्राप्त 10,000 रुपए रिश्वत की रकम सहित ए.एस.आई. अपनी कार में मौके से फरार हो गया। 

* 6 अगस्त को चंडीगढ़ से बठिंडा के व्यापारी का अपहरण करके उससे एक करोड़ एक लाख रुपए लूटने के आरोप में सैक्टर 39 चंडीगढ़ थाने में तैनात एडीशनल एस.एच.ओ. नवीन फौगाट को बर्खास्त किया गया। 
इस मामले में अब तक 3 अन्य आरोपितों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है जिनमें चंडीगढ़ पुलिस के कांस्टेबल वरिंदर व शिवकुमार तथा अंकित गिल शामिल हैं। 
* 4 अगस्त को दौसा ( राजस्थान) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने एक रिश्वतखोर हैड कांस्टेबल राम प्रसाद को 4000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा।  
* 2 अगस्त को विमेन सैल फरीदकोट (पंजाब) में नियुक्त महिला ए.एस.आई. हरजिंद्र कौर को शिकायतकत्र्ता महिला से 75,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में विजीलैंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। 

* 2 अगस्त को ही थाना कूमकलां (पंजाब) में तैनात एस.एच.ओ. (मुंशी) हरदीप सिंह को शिकायतकत्र्ता महिला से 20,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में विजीलैंस ब्यूरो ने काबू किया।
* 31 जुलाई को लुधियाना (पंजाब) के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. अजीत अत्री की अदालत ने रिश्वत मांगने के आरोपी ए.एस.आई. जगतार सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की 2 अलग-अलग धाराओं में 5-5 वर्ष कैद और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजाएं सुनाईं। 

* 14 जून को जयपुर (राजस्थान) में ज्योति नगर थाने के कांस्टेबल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 3000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
* 26 मई को कोटा (राजस्थान) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दिल्ली पुलिस की एक महिला ए.एस.आई. को 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। उल्लेखनीय है कि आरोपी महिला ए.एस.आई. रिश्वत की रकम लेकर तुरंत ट्रेन में चढ़ गई परंतु भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने पीछा कर उसे गिरफ्तार करके अगले स्टेशन पर उतार लिया। 

* 27 अप्रैल को सी.बी.आई. ने बवाना (दिल्ली) के साइबर सैल थाने में तैनात एक महिला ए.एस.आई. को एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
* 26 फरवरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने फरीदाबाद में एक कैदी को अपने रिश्तेदार से फोन पर 15 मिनट बात करवाने की एवज में 10,000 रुपए रिश्वत लेते महिला कांस्टेबल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
पहले भी पुलिस बल के चंद सदस्य अपनी ऐसी हरकतों से कानून के शिकंजे में फंस चुके हैं। पुलिस कर्मचारियों का इस प्रकार का गलत आचरण सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी भारी खतरा सिद्ध हो सकता है। 
अत: ऐसा करने वाले पुलिस कर्मियों को कठोर और शिक्षाप्रद दंड देने की आवश्यकता है, ताकि दूसरों को भी इससे सबक मिले और वे रिश्वत लेने की बात तो दूर रही, इसके नाम से भी डरने लगें।—विजय कुमार 

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