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'देश के प्रसिद्ध मंदिरों में' 'शीघ्र दर्शन करवाने के नाम पर रिश्वत'

Edited By ,Updated: 10 Jun, 2025 12:49 PM

among the famous temples of the country   bribery in the name of early darshan

भारत में हजारों मंदिर हैं जहां देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसी का लाभ उठाकर चंद मंदिरों में जल्दी और 'वी. आई.पी.' दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं को दूसरों से पहले दर्शन करवाने के बहाने उन्हें ठगने वाले अनेक लोग पैदा हो गए हैं...

नेशनल डेस्क: भारत में हजारों मंदिर हैं जहां देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसी का लाभ उठाकर चंद मंदिरों में जल्दी और 'वी. आई.पी.' दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं को दूसरों से पहले दर्शन करवाने के बहाने उन्हें ठगने वाले अनेक लोग पैदा हो गए हैं जिनके पिछले 3 महीनों के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं:

2 मार्च को 'अयोध्या' (उत्तर प्रदेश) में पुलिस ने 'राम लला' के दर्शनों के लिए आए श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन के लिए वी. आई.पी. पास दिलवाने के नाम पर वसूली करने वाले 3 आरोपियों' शैलेंद्र सिंह', 'बृजवासी' तथा 'संदीप' को गिरफ्तार किया।

13 मार्च को 'उज्जैन' (मध्य प्रदेश) स्थित महाकालेश्वर मंदिर में 'नंदी हाल' से श्रद्धालुओं को दर्शन के बदले रिश्वत लेने का मामला पकड़ा तथा 'जीतू बैरागी' एवं 'चंदन बैरागी' के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
मामले की जांच के दौरान पता चला कि ये दोनों केवल 'नंदी हाल' ही नहीं बल्कि 'भस्म आरती', 'शीघ्र दर्शन' और 'जल अभिषेक' आदि के नाम पर भी मोटी रकम वसूल करते थे।

1 मई को 'सीकर' (राजस्थान) में खाटू श्याम जी मंदिर' में 'वी. आई.पी. दर्शन' के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों 'हरेंद्र सिंह' तथा 'राहुल सिंह राठौड़' को गिरफ्तार किया गया।

1 जून को 'उज्जैन' (मध्य प्रदेश) स्थित ' महाकालेश्वर मंदिर' में सुरक्षा प्रभारियों ने जल्दी दर्शन करने के इच्छुक श्रद्धालुओं को पहले दर्शन करवाने का प्रलोभन देकर ठगने वाले 'अजय' नामक एक 'फूल-प्रसाद' विक्रेता को गिरफ्तार किया। 'अजय' हर श्रद्धालु को शीघ्र दर्शन करवाने के बदले में उनसे 1100-1100 रुपए वसूल कर रहा था।

7 जून को 'वृंदावन' (उत्तर प्रदेश) में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित 'बांके बिहारी मंदिर' में आने वाले श्रद्धालुओं को दूसरे श्रद्धालुओं से पहले अर्थात वी. आई. पी. दर्शन के नाम पर उनसे अवैध वसूली करने वाले 'रोहित' तथा 'लकी' उर्फ 'छोटू' नामक 2 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी सोशल मीडिया पर स्वयं को 'माधव बाऊंसर ग्रुप' के बाऊंसर और निजी सुरक्षा गार्ड बताते और सुरक्षा एजेंसियों से संठगांठ करके श्रद्धालुओं को भीड़ से बाहर निकाल कर मंदिर के भीतर ले जाकर सीधे दर्शन करवाते थे। मंदिर परिसर में कुछ पंडों और उनके चेलों द्वारा भी दक्षिणा लेकर इसी तरह की सुविधाएं देने की शिकायतें मिली हैं। और अब 8 जून को 'सीकर' (राजस्थान) में स्थित प्रसिद्ध 'खाटू श्याम जी' के मंदिर में भोपाल से दर्शनों के लिए आए एक परिवार से दोस्ती बढ़ाकर एक युवक ने बच्चे की मां और दादी से कहा कि वह बच्चे को थोड़ी देर संभाल लेगा ताकि वह आराम से दर्शन कर लें।

युवक की बातों में आकर महिला ने अपना बच्चा उसको सौंप दिया और जैसे ही वे दोनों दर्शनों में व्यस्त हुई, आरोपी भीड़ का लाभ उठाकर मासूम का अपहरण करके निकल भागा।आस्था के नाम पर श्रद्धालुओं को ठगने के ये तो चंद उदाहरण हैं। दुखद बात यह भी है कि इस तरह के मामलों में मंदिरों के चंद पुजारी और सुरक्षा कर्मी आदि ही नहीं बल्कि वे लोग भी समान रूप से दोपी हैं जो 'रिश्वत' देकर दर्शन करते हैं।  

जहां मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को धोखा देकर उनके साथ इस प्रकार ठगी करना कदापि उचित नहीं कहा जा सकता, वहीं 'रिश्वत' देकर 'दर्शन' करने का भी कोई लाभ नहीं क्योंकि प्रभु की कृपा पाने के लिए धन की नहीं बल्कि भावना की जरूरत होती है। वैसे भी रिश्वत देकर अपने इष्ट के दर्शनों से कोई पुण्य प्राप्त होने वाला नहीं अतः इस बुराई पर शीघ्र रोक लगाने की आवश्यकता है ताकि श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ न हो। 

विजय चोपड़ा

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