लगातार बढ़ रही ‘महंगाई के बीच’ सरकार ने दी ‘कुछ राहत’

Edited By Updated: 22 May, 2022 03:37 AM

government gave  some relief  in the midst of ever increasing inflation

पिछले कुछ समय से देश में महंगाई के कारण हर ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। विशेष रूप से कोरोना काल में बड़ी संख्या में नौकरियां चली जाने और उसके बाद यूक्रेन पर रूस के हमले और विभिन्न देशों द्वारा

पिछले कुछ समय से देश में महंगाई के कारण हर ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। विशेष रूप से कोरोना काल में बड़ी संख्या में नौकरियां चली जाने और उसके बाद यूक्रेन पर रूस के हमले और विभिन्न देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते सप्लाई चेन बाधित होने से महंगाई और बढ़ गई है। 

इसका वैसे तो समाज के सभी वर्गों पर असर पड़ा है परंतु सर्वाधिक प्रभाव निम्न और मध्यम वर्ग पर पड़ा है। जहां अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 8 वर्ष के सर्वोच्च स्तर 7.8 पर पहुंच गई वहीं थोक महंगाई भी 17 वर्ष के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच कर 15.8 प्रतिशत हो गई है। अप्रैल, 2021 के बाद लगातार 13 महीनों से थोक महंगाई दर दोहरे अंकों में बनी हुई है। इसका मुख्य कारण र्ईंधन व सामान्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी है। अप्रैल, 2021 की तुलना में इस वर्ष अप्रैल में विभिन्न सब्जियों के थोक भाव 23.24 प्रतिशत, गेहूं के 10.70 प्रतिशत तथा फलों के 10.89 प्रतिशत बढ़े हैं। दूध व अन्य वस्तुओं के दामों में भी वृद्धि हुई है। 

19 मई को घरेलू एल.पी.जी. सिलैंडर के दाम 3.50 रुपए प्रति सिलैंडर और कमर्शियल सिलैंडर के दाम 8 रुपए प्रति सिलैंडर बढ़ा दिए गए थे और  अब घरेलू एल.पी.जी. सिलैंडरों की कीमत लगभग समूचे देश में 1000 रुपए प्रति सिलैंडर से अधिक हो गई है। महंगाई से त्रस्त लोगों ने रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के इस बयान को अच्छा नहीं समझा कि महंगाई से तो सभी देश त्रस्त हैं। चूंकि विशेष रूप से ईंधन की कीमतों में वृद्धि से सभी जीवनोपयोगी वस्तुओं की ढुलाई की लागत बढ़ जाने के कारण वे महंगी हो जाती हैं, अत: सरकार के प्रति समाज के सभी वर्गों की नाराजगी बढ़ रही थी। 

इसी पर मचे शोर के बीच केंद्र सरकार ने 21 मई शाम को पैट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाने की घोषणा की है जिससे पैट्रोल 9.50 रुपए और डीजल 7 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपए का वाॢषक बोझ पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणा के अनुसार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना वाले सिलैंडर पर इस वर्ष 200 रुपए की सबसिडी दी जाएगी। एक परिवार को वर्ष में 12 सिलैंडर मिलेंगे जिससे 9 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे। इससे सरकार पर लगभग 6100 करोड़ रुपए का वार्षिक बोझ पड़ेगा। 

इसके साथ ही शीघ्र ही लोहा और स्टील, प्लास्टिक के उत्पादों और कच्चे माल पर भी इम्पोर्ट ड्यूटी घटाई जा रही है। सीमैंट की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार इसके किराए-भाड़े पर सबसिडी की घोषणा करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों से अपील की है कि वे भी वैट में कटौती करके जनता को राहत दें। इसी के अनुरूप केरल सरकार ने पैट्रोल और डीजल पर स्टेट टैक्स में क्रमश: 2.41 रुपए तथा 1.36 रुपए की कमी करने की घोषणा कर दी है। 

केन्द्र सरकार द्वारा महंगाई को काबू करने के लिए पिछले कुछ दिनों में लिया गया यह दूसरा बड़ा फैसला है। इससे पहले सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। केन्द्र सरकार के फैसलों से महंगाई दर में कुछ कमी अवश्य आएगी तथा इसका असर हमें अगले महीने आने वाले महंगाई दर के आंकड़ों पर निश्चित रूप से नजर आएगा। यदि राज्य सरकारें भी केन्द्र सरकार की तरह पैट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में कुछ कमी कर दें तो महंगाई के विरुद्ध इस लड़ाई में राज्य सरकारों का भी योगदान शामिल हो सकता है और साथ ही आम आदमी को भी इससे राहत मिल सकती है। 

वैसे अभी भी कई समस्याएं बाकी हैं। बेशक पैट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी का असर दूसरी वस्तुओं की कीमतों में भी दिखाई देगा परंतु पड़ रही भारी गर्मी और पानी की कमी का असर आने वाली फसलों पर पडऩा तय है जिससे खाद्य महंगाई बढ़ सकती है। अत: सरकार को इस ओर भी ध्यान देकर रणनीति अभी से तैयार करनी चाहिए और बिजली की सप्लाई के लिए कोयले की आपूर्ति यकीनी बनानी चाहिए ताकि फसलों का उत्पादन प्रभावित न हो और महंगाई भी सिर न उठा सके।—विजय कुमार 

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