दिल्ली में ‘हैल्थ एमरजैंसी’उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर

Edited By ,Updated: 04 Nov, 2023 04:49 AM

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इन दिनों उत्तरी भारत के अनेक राज्यों में किसानों द्वारा धान की पराली जलाए जाने के कारण आबो-हवा खराब होने लगी है, जिससे ये धुंध और स्मॉग की चपेट में आए हुए हैं। दिल्ली सहित एन.सी.आर. वायु गुणवत्ता बेहद बिगड़ जाने के कारण एक तरह से गैस चैम्बर में...

इन दिनों उत्तरी भारत के अनेक राज्यों में किसानों द्वारा धान की पराली जलाए जाने के कारण आबो-हवा खराब होने लगी है, जिससे ये धुंध और स्मॉग की चपेट में आए हुए हैं। दिल्ली सहित एन.सी.आर. वायु गुणवत्ता बेहद बिगड़ जाने के कारण एक तरह से गैस चैम्बर में तबदील हो गया है। 

31 अक्तूबर को मुझे किसी कार्यवश दिल्ली जाने का अवसर मिला तो वहां अगले दिन हर ओर धुंध की चादर बिछी हुई दिखाई दे रही थी। 1 नवम्बर को करवाचौथ पर दिल्ली सहित उत्तरी भारत के अनेक इलाकों में धुंध की ओट में छुपे चांद का दीदार करने के लिए महिलाओं को कुछ प्रतीक्षा भी करनी पड़ी और कई साधन-सम्पन्न जोड़े तो चांद देखने के लिए शहर के बाहरी इलाकों में भी निकल गए।
2 नवम्बर को मध्य दिल्ली में तो स्मॉग कुछ कम थी, परंतु यमुना पार तथा एन.सी.आर. के बाहरी इलाकों, नोएडा, गाजियाबाद आदि में यह लगातार गहरी होती चली गई।
3 नवम्बर को सुबह 9 बजे दिल्ली की वायु गुणवत्ता अत्यधिक गंभीर श्रेणी में चली गई और अनेक स्थानों पर 500 के आसपास पहुंच गई। इसी दिन पड़ोसी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता हानिकारक स्तर पर दर्ज की गई। डाक्टरों के अनुसार पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारण अनीमिया तथा सांस की तकलीफ बढ़ सकती है। 

1 नवम्बर को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह ने बढ़ते प्रदूषण पर कठोर टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘‘हम बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को दिल्ली छोडऩे के लिए मजबूर नहीं कर सकते। यहां हर तीसरा बच्चा अस्थमा तथा एयरफ्लो की शिकायत से पीड़ित है। अत: शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारना और इसे यकीनी बनाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।’’ 
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पेड़ों को कंक्रीट रहित करने तथा वन विभाग की लगभग 300 हैक्टेयर भूमि के अतिक्रमण बारे तुरंत कार्रवाई करने का आदेश देते हुए कहा कि ऐसा न करने पर कोर्ट की अवमानना के आरोप में उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। 

इसी प्रकार 3 नवम्बर को दिल्ली हाईकोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए इस मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और पूछा कि क्या आप चाहते हैं कि लोग गैस चैम्बर में रहें?
इस तरह के हालात के बीच केंद्र सरकार के ‘प्रदूषण नियंत्रण आयोग’ ने दो दिनों के लिए प्राइमरी स्कूल बंद रखने का निर्देश देने के साथ ही 14 गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों के अलावा बी.एस. 3 पैट्रोल और बी.एस. 4 डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर भी रोक लगा दी है। प्रदूषण नियंत्रण आयोग ने प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर अभी और बढऩे की आशंका व्यक्त की है। 

दिल्ली सरकार ने नगर निगम के प्रत्येक जोन को बेहतर वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए 20 लाख रुपए देने और धूल से पैदा होने वाला प्रदूषण रोकने के लिए टूटी-फूटी सड़कों की मुरम्मत करने का भी निर्णय किया है। बढ़ते प्रदूषण से बचाव के लिए दिल्ली में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सांसद मनोज तिवारी ने मास्क बांटे। उन्होंने दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भयावह बताया और कहा कि प्रदूषण दिल्ली वालों की आयु कम कर रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान खेतों में पराली जला कर न सिर्फ धरती को कमजोर कर रहे हैं, बल्कि पराली के धुएं से प्रदूषण फैला कर वायुमंडल को भी जहरीला बना रहे हैं। 

किसानों को समझना चाहिए कि वे अधिक कीटनाशकों और रासायनिक खादों का इस्तेमाल करके तथा खेतों में पराली जलाकर पैदा होने वाली बीमारियों के अलावा आने वाली नस्लों को विरासत में बंजर जमीन देने जा रहे हैं। इसलिए जहां खेतों में पराली जलाने की बजाय इसे दूसरे हानिरहित तरीकों से ठिकाने लगाना चाहिए, वहीं अन्य लोगों को भी आगे आकर ऐसे प्रयास करने चाहिएं ताकि कम से कम धुआं पैदा हो। इसी उद्देश्य से ‘दिल्ली मैट्रो’ ने अपने फेरे बढ़ा दिए हैं व सरकार ने लोगों को निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।—विजय कुमार 

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