एक पाठक के सही विचार- अनाथ गौवंश और नशों की समस्या से किस प्रकार निपटा जाए

Edited By Pardeep,Updated: 19 Oct, 2018 04:37 AM

how to deal with the problem of orphanage and cowardice

हाल ही में मुझे गांव नारूनंगल जिला होशियारपुर से श्री कुलवंत राय नामक सज्जन मिलने आए। उन्होंने बातचीत के दौरान कुछ अच्छी बातें बताईं जिनका सार यहां प्रस्तुत है : जब गौवंश की उपयोगिता नहीं रहती और गौमाता दूध देना बंद कर देती है तो बड़ी संख्या में लोग...

हाल ही में मुझे गांव नारूनंगल जिला होशियारपुर से श्री कुलवंत राय नामक सज्जन मिलने आए। उन्होंने बातचीत के दौरान कुछ अच्छी बातें बताईं जिनका सार यहां प्रस्तुत है : 

जब गौवंश की उपयोगिता नहीं रहती और गौमाता दूध देना बंद कर देती है तो बड़ी संख्या में लोग इन्हें लावारिस छोड़ देते हैं जो दर-दर भटकती और अखाद्य पदार्थ खाकर पेट भरती हैं। इसी कारण पेट में प्लास्टिक आदि चले जाने के कारण अनेक गौवंश की मृत्यु भी हो जाती है। तलवाड़ा-कंडी नहर में पानी नहीं आता और आमतौर पर इस क्षेत्र के लोग अपनी सूख चुकी गऊओं को इस सूखी पड़ी नहर में उतार देते हैं जिनके लिए ऊपर चढ़ कर वहां से निकल पाना संभव नहीं होता और वे वहीं भूखी-प्यासी दम तोड़ देती हैं। गौवंश को ऐसी स्थिति से बचाने के लिए उनकी रजिस्ट्रेशन और इन्हें लावारिस छोडऩे वालों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। 

आजकल समाज में युवाओं में नशे का प्रचलन बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण यह बहुत बड़ी समस्या बन गया है तथा इससे परिवारों के परिवार उजड़ रहे हैं। नशे की ज्यादा मात्रा लेने के कारण होने वाली असामयिक मौतों के समाचारों से अखबारों के पन्ने भरे रहते हैं। राज्य में बड़ी संख्या में उजाड़ कब्रिस्तान और वीरान कब्रें आदि मौजूद हैं जहां आमतौर पर कोई आता-जाता नहीं अत: वहां वीरानी का लाभ उठाते हुए नशेड़ी नशा करने के लिए पहुंच जाते हैं और वहां बैठकर बेरोक-टोक नशा करते हैं। सरकार को ऐसे सुनसान स्थानों की निगरानी अवश्य करनी चाहिए और वहां नशा करने वालों को पकड़ कर नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती करवाकर उनका इलाज करवाना चाहिए।

यदि पुलिस किसी नशेड़ी को पकड़ती है और उससे पांच-दस ग्राम नशा बरामद हो जाता है तो उसे नशा छुड़ाऊ केंद्र में भर्ती करवाना चाहिए क्योंकि वह नशा बेचने का आदी नहीं है। यह भी एक विडम्बना ही है कि बड़े नशा बेचने वाले और डीलर आमतौर पर छूट जाते हैं। यदि कोई पुलिस वाला किसी नशा तस्कर को पकड़ कर उसे छोड़ता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। पुलिस वाले छोटे-मोटे नशा तस्करों को पकड़ कर उनके साथ फोटो खिंचवाने में ‘शान’ समझते हैं और बड़े केसों को पकड़ते ही नहीं। यह एक गलत परम्परा है और यदि पकड़े भी जाते हैं तो अपनी ताकत और प्रभाव के बल पर वे छूट जाते हैं जोकि किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए। लावारिस गौवंश व नशों की समस्या के संबंध में उक्त विचार किसी सीमा तक उपयोगी हैं जिन पर संबंधित अधिकारियों को चिंतन और मनन करके अमल करने की कोशिश करनी चाहिए।—विजय कुमार  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!