अब ‘भारतीय रेलें’ बन रही हैं ‘अपराधों का गढ़’

Edited By ,Updated: 28 Apr, 2017 09:57 PM

indian railways are now becoming the stronghold of crime

भारतीय रेलगाडिय़ों में होने वाले अपराधों में लगातार वृद्धि के चलते इनमें यात्रा करना खतरे से .....

भारतीय रेलगाडिय़ों में होने वाले अपराधों में लगातार वृद्धि के चलते इनमें यात्रा करना खतरे से खाली नहीं रहा। इनमें सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद लूटपाट, हत्या, डकैती व बलात्कार आदि लगातार बढ़ रहे हैं। अत: यदि भारतीय रेलों को अपराधों का गढ़ भी कहा जाए तो गलत न होगा। रेलों में हुई अपराधों की चंद ताजा घटनाएं निम्र में दर्ज हैं : 

23 जनवरी, 2017 को सशस्त्र लुटेरे गोवा में मडगांव के निकट ‘नेत्रवती एक्सप्रैस’ से केरल जा रही महिला का पर्स छीन कर ले गए। महिला ने आरोप लगाया कि जब उसने पुलिस वालों से इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा तो उन्होंने उसके साथ सहयोग नहीं किया। 05 अप्रैल को रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पर खड़ी एक रेलगाड़ी के शौचालय में एक युवक एक महिला से बलात्कार करता पकड़ा गया। 

07 अप्रैल को नई दिल्ली जा रही एक महिला से लुटेरों ने उसका बैग लूटने की कोशिश की। महिला के विरोध करने पर लुटेरों ने उसे रेलगाड़ी से बाहर फैंक दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई और उसकी जान बचाने के लिए डाक्टरों को उसकी एक टांग तक काटनी पड़ी। 09 अप्रैल को सुबह-सवेरे बिहार के बक्सर जिले में एक दर्जन सशस्त्र लुटेरों ने नई दिल्ली-पटना ‘राजधानी एक्सप्रैस’ के तीन डिब्बों पर धावा बोल कर बंदूक की नोक पर अनेक यात्रियों को लूट लिया। 10 अप्रैल को ‘जम्मू मेल’ में लुटेरों के एक गिरोह ने कुरुक्षेत्र के निकट कोच नंबर ए-2 में यात्रा कर रहे कुछ यात्रियों से उनके पर्स आदि छीन लिए। डिब्बे में कोई सुरक्षागार्ड नहीं था। 

18 अप्रैल को मध्य प्रदेश में इटारसी के निकट ‘होलीडे एक्सप्रैस’ में अपने भाई के साथ यात्रा कर रही एक 16 वर्षीय नाबालिगा को शौचालय में बंद करके उसके साथ बलात्कार करता वैंडर पकड़ा गया। 22 अप्रैल रात को एक 19 वर्षीय युवती करनाल से दिल्ली जाने के लिए ‘इलैक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट रेलगाड़ी’ में सवार हुई जिसे 2 व्यक्तियों ने एक खाली डिब्बे में ले जाकर उससे बलात्कार कर डाला और शिकायत करने पर गंभीर परिणामों की धमकी भी दी। महिला के अनुसार कुरुक्षेत्र में ड्यूटी पर मौजूद जी.आर.पी. के सदस्यों से शिकायत करने पर उन्होंने उसकी कोई सहायता नहीं की और उसकी शिकायत सुनने की बजाय उसे दिल्ली जाने वाली गाड़ी में बिठा दिया। 

23 अप्रैल को नवी मुम्बई के निकट रोहा रेलवे स्टेशन पर खड़ी ‘कोंकण कन्या एक्सप्रैस’ में लुटेरे यात्रा कर रही महिला यात्रियों पर हमला करके लाखों रुपए मूल्य के गहने आदि लूट कर भाग गए। 26 अप्रैल को सुबह-सवेरे आंध्र प्रदेश में गुंटूर के निकट ‘डेल्टा एक्सप्रैस’ के कुछ यात्रियों को लुटेरों ने लूट लिया। अब 27 अप्रैल को सुबह-सवेरे बिहार में पटना-मुगलसराय डिवीजन में बनाही रेलवे स्टेशन के निकट 4 सशस्त्र लुटेरों ने ‘महानंदा एक्सप्रैस’ में न सिर्फ यात्रियों से लूटपाट की बल्कि एक यात्री को छुरा मार कर घायल भी कर दिया। 

स्पष्ट है कि रेलवे सुरक्षा बल के सदस्य अपना कत्र्तव्य संतोषजनक ढंग से निभाने में असफल दिखाई देते हैं तथा अपराधों को रोकने व पीड़ितों को सुरक्षा देने के मामले में आपराधिक सीमा तक लापरवाही बरत रहे हैं जिस कारण रेल यात्री लगातार अपराधी तत्वों का निशाना बन रहे हैं। इस स्थिति पर काबू पाने के लिए बेशक रेल मंत्रालय गाड़ी के चलने से पहले अपने आप बंद हो जाने वाले और प्लेटफार्म पर गाड़ी के रुकने के बाद ही खुलने वाले आटोमैटिक दरवाजे लगाने की योजना बना रहा है परंतु इतना ही काफी नहीं है। 

आवश्यकता इस बात की भी है कि सभी गाडिय़ों के साथ सुरक्षा बलों के सदस्यों की तैनाती सुनिश्चित की जाए जो समूची गाड़ी में लगातार गश्त लगाते रहें और गाडिय़ों के ठहराव के दौरान प्लेटफार्म पर उतर कर चारों ओर की स्थिति पर भी नजर रखें और यात्रियों  की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करें तथा ऐसा न करने वाले सुरक्षा कर्मियों के विरुद्ध तुरंत कठोर कार्रवाई की जाए। —विजय कुमार  

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