जाट आरक्षण आंदोलन से प्रभावितों को युद्ध स्तर पर मुआवजा दिया जाए

Edited By ,Updated: 28 Feb, 2016 01:30 AM

jat reservation movement compensation to the affected people on a war footing

हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर हुआ आंदोलन भले ही थम गया है परंतु इसमें 30 मूल्यवान प्राण चले गए। भारत में आरक्षण के लिए चले आंदोलनों में यह सबसे बड़े हिंसक आंदोलनों में से एक था।

हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर हुआ आंदोलन भले ही थम गया है परंतु इसमें 30 मूल्यवान प्राण चले गए। भारत में आरक्षण के लिए चले आंदोलनों में यह सबसे बड़े हिंसक आंदोलनों में से एक था। इससे परिवहन व पर्यटन सेवाओं के ठप्प होने, औद्योगिक व कृषि व्यवसाय को क्षति, बुनियादी ढांचे, रोड रैस्टोरैंट, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों को भारी क्षति पहुंची व कम से कम 34000 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ। 

 
हिसार, रोहतक, सोनीपत, भिवानी, खरड़, मुरथल आदि में अनेक पैट्रोल पम्प, व्यापारिक प्रतिष्ठïन, मकान, शिक्षा संस्थान आदि नष्ट हुए और सड़क व रेल मार्ग रोकने के लिए ही 17000 पेड़ काट डाले गए। 
 
सुप्रीमकोर्ट ने 24 फरवरी को एक मुकद्दमे  की सुनवाई के दौरान सार्वजनिक सम्पत्ति को होने वाले नुक्सान पर कहा कि सार्वजनिक प्रदर्शनों के दौरान हुए नुक्सान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से ही करवाई जाए। सुप्रीमकोर्ट ने यह भी कहा कि ‘‘हम देश की सम्पत्ति को न तो नुक्सान पहुंचाने देंगे और न ही प्रदर्शन के नाम पर देश को बंधक बनाने देंगे।’’
 
सुप्रीमकोर्ट की उक्त टिप्पणी के परिप्रेक्ष्य में जब एक अधिकारी से यह पूछा गया कि क्या इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी तो उसने उत्तर दिया कि ‘‘इस तरह के कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों की शिनाख्त करना बहुत ही मुश्किल होता है।’’  
 
परन्तु रोहतक में तैनात हरियाणा पुलिस के 2 कर्मचारियों के बेटों के रोहतक स्थित कार्यालयों से भारी मात्रा में आंदोलन के दौरान लूटा गया सामान बरामद होने के बाद उन पर केस दर्ज किया गया है। इनमें से मंदीप यादव रोहतक के एक हैड कांस्टेबल देवेन्द्र यादव का बेटा है जबकि अजय कुमार पुलिस अधीक्षकके कार्यालय में तैनात सब-इंस्पैक्टर राजेन्द्र कुमार का बेटा है। 
 
इनके कार्यालय से भारी संख्या में ब्रांडेड कपड़े, ट्राऊजर, शटर््स, जैकेट्स और महंगी विदेशी शराब की बोतलें बरामद हुर्ईं। सिर्फ रोहतक में ही 17 से 21 फरवरी के बीच 500 दुकानें लूटी गईं या अग्रि भेंट की गईं। इस संबंध में कुछ जाट नेताओं का कहना है कि बाहर से आए उपद्रवी तत्वों ने ही इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है।
 
इस तरह के घटनाक्रम के बीच इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि आंदोलन के दिनों के अत्यधिक ङ्क्षहसक माहौल के बीच भी अनेक जाट बहुल गांवों में भी अपने पड़ोसियों के जान-माल की रक्षा करने की पूरी कोशिश की गई और आपसी भाईचारे और सह-अस्तित्व की भावना के अनुकरणीय उदाहरण पेश किए गए।
 
इस बीच हरियाणा के पुलिस महानिदेशक वाई.पी. सिंघल ने प्रदेश में हालात पूरी तरह से सामान्य होने का दावा करते हुए कहा है कि सड़क मार्ग और रेल मार्ग सुचारू रूप से चल रहे हैं। अभी तक लगभग 713 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किए गए हैं तथा 133 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 
 
दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने सोनीपत जिले के मुरथल में आंदोलन के दौरान 10 महिलाओं के साथ कथित तौर पर हुई गैंग रैप की घटनाओं की जांच के लिए 3 वरिष्ठï महिला पुलिस अधिकारियों की एक जांच समिति का गठन करके उनके मोबाइल नंबर (9729995000, 8053883002 तथा 9729990760) भी जारी कर दिए हैं जिन पर लोग इस घटना बारे सूचना दे सकते हैं। 
 
वैसे तो सरकार ने बीमा कम्पनियों को ये निर्देश दे दिए हैं कि पीड़ितों को 2 सप्ताह के भीतर क्षतिपूॢत देने के लिए कदम उठाए जाएं परन्तु इसके साथ ही इस बात को सुनिश्चित बनाना भी सरकार की जिम्मेदारी है कि बीमा कम्पनियां इस निर्देश का समयबद्ध पालन करें ताकि पीड़ित लोग अपना कारोबार नए सिरे से और जल्दी ही फिर से शुरू कर सकें। 
 
इसी प्रकार सरकार की घोषणा के अनुरूप उपद्रवियों द्वारा मारे गए लोगों के परिजनों को भी 10-10 लाख रुपए की एकमुश्त आॢथक सहायता देने के काम में भी तेजी लाई जाए तथा उनके परिवार के कम से कम एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए।
 
इसके साथ हीजिन लोगों की सम्पत्ति की क्षति हुई है और बीमा नहीं हुआ हरियाणा सरकार इसका सर्वेक्षण करने के लिए कर्मचारियों की विशेष टीमें बनाकर तुरन्त गांवों, कस्बों और शहरों में भेज कर उनकी भी क्षतिपूर्ति करे ताकि यथाशीघ्र उनका जीवन भी पटरी पर आ सके।     
 

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