अदालत में वकीलों की आपसी भिड़ंत चलीं गोलियां और बरसे पत्थर

Edited By ,Updated: 07 Jul, 2023 04:25 AM

lawyers clashed in the court bullets and stones pelted

5 जुलाई को दिल्ली के ‘तीस हजारी अदालत परिसर’ में चैम्बर विवाद को लेकर वहां की बार कौंसिल के सीनियर वाइस प्रैजीडैंट मनीष कुमार शर्मा व सचिव अतुल कुमार शर्मा के गुटों के बीच भिड़ंत ने गंभीर रूप धारण कर लिया। इस दौरान चैम्बर नं. 433 के निकट लगभग 20...

5 जुलाई को दिल्ली के ‘तीस हजारी अदालत परिसर’ में चैम्बर विवाद को लेकर वहां की बार कौंसिल के सीनियर वाइस प्रैजीडैंट मनीष कुमार शर्मा व सचिव अतुल कुमार शर्मा के गुटों के बीच भिड़ंत ने गंभीर रूप धारण कर लिया। इस दौरान चैम्बर नं. 433 के निकट लगभग 20 मिनट तक कई राऊंड फायरिंग के अलावा कई वकीलों के बीच पत्थरबाजी व मारपीट हुई। 

इस बारे दिल्ली पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से शिकायत दर्ज करके कुछ वकीलों को हिरासत में लिया है तथा ‘दिल्ली बार एसोसिएशन’ ने घटना में शामिल वकीलों के लाइसैंस जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिए हैं। हालांकि इससे पहले भी किसी आपसी विवाद में अदालत परिसरों में हिंसा की घटनाएं होती रही हैं, परंतु यह ऐसा पहला मामला है जिसमें वकीलों के 2 गुटों की अदालत में अपना दबदबा कायम करने की लालसा के कारण पैदा हुआ विवाद उग्र रूप धारण कर गया। 

इसी तरह के आचरण पर 21 जून, 2021 को मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस ‘एम. धंधापाणि’ ने पुलिस अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से डराने-धमकाने वाले एक वकील की पेशगी जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि ‘‘वकील कानून से ऊपर नहीं हैं तथा उनके अनियंत्रित आचरण के कारण न्याय से जुड़ी बिरादरी को अपमानित करने वाले वकीलों के विरुद्ध बार कौंसिलों को स्वत: कार्रवाई करनी चाहिए।’’ 

दिल्ली के अदालत परिसरों में गोलीबारी की पहली घटना 23 दिसम्बर, 2015 को कड़कडड़ूमा अदालत में हुई थी, जब 4 नाबालिग हमलावरों ने गोली चला कर गैंगस्टर मोहम्मद इरफान तथा एक सुरक्षा कर्मी को घायल कर दिया था और दिल्ली की अदालतों में उक्त घटना से शुरू हुई हिंसा की घटनाएं आज तक जारी हैं, जो निम्न में दर्ज हैं :- 

* 21 अप्रैल, 2023 को साकेत अदालत की कोर्ट संख्या 3 के बाहर एक महिला पर एक वकील ने पैसों के विवाद के कारण गोली चला दी।
* 3 दिसम्बर, 2022 को कड़कडड़ूमा अदालत के गेट नम्बर 4 पर हवाई फायरिंग करके अरमान नामक गैंगस्टर ने दहशत फैला दी।
* 22 अप्रैल, 2022 को रोहिणी अदालत परिसर में सुरक्षा जांच के दौरान एक वकील और कांस्टेबल के बीच बहस के परिणामस्वरूप गोली चल जाने से 2 वकील घायल हो गए। 
* 9 दिसम्बर, 2021 को रोहिणी अदालत के कोर्ट रूम संख्या 102 में एक केस की सुनवाई के दौरान कच्चे बम से धमाका किया गया। 
* 13 जुलाई, 2021 को द्वारका कोर्ट के चैम्बर संख्या 444 में रात के समय हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। 

* 24 सितम्बर, 2021 को रोहिणी अदालत में वकीलों के वेश में घुसे 2 शूटरों ने गोलियां चला कर गैंगस्टर जितेंद्र मान गोगी को मार डाला। 
* 3 नवम्बर, 2019 को ‘तीस हजारी अदालत’ में पार्किंग विवाद को लेकर पुलिस कर्मियों और वकीलों में झड़प के दौरान चली गोली एक वकील को लगने से भारी बवाल हुआ था। 

दिल्ली की अदालतों में सुरक्षा को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। कड़ी सुरक्षा और गहन चैकिंग के बावजूद हथियार अंदर पहुंच जाते हैं। ‘तीस हजारी अदालत’ में हुई फायरिंग की नवीनतम घटना में भी ऐसा ही हुुआ। बताया जाता है कि दिल्ली पुलिस सुरक्षा कड़ी तो करती है, परंतु वकीलों की चैकिंग की बात आने पर चुप्पी साध ली जाती है। वकील हों या उनकी ड्रैस में कोई व्यक्ति, दिल्ली की अदालतों मेें बिना चैकिंग के दाखिल हो जाते हैं। अदालत परिसरों में हिंसा की घटनाएं सुरक्षा प्रणाली में खामियों का मुंह बोलता उदाहरण हैं। लिहाजा इसे रोकने के लिए अदालत परिसरों में अचूक सुरक्षा प्रबंध करने की जरूरत है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं से लोगों की सुरक्षा खतरे में न पड़े।—विजय कुमार 

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