घोर अव्यवस्था की शिकार हैं भारत की जेलें

Edited By ,Updated: 16 Jul, 2021 05:53 AM

prisons of india are victims of extreme disorder

विभिन्न अपराधों में संलिप्त पाए जाने वाले अपराधियों को जेलों में रखने का मकसद उनके आचरण में सुधार लाना होता है लेकिन मौजूदा समय में जेलें ही अपराधों का नया अड्डा बन रही हैं।

विभिन्न अपराधों में संलिप्त पाए जाने वाले अपराधियों को जेलों में रखने का मकसद उनके आचरण में सुधार लाना होता है लेकिन मौजूदा समय में जेलें ही अपराधों का नया अड्डा बन रही हैं। आज देश की जेलों में बंद कैदियों द्वारा तरह-तरह के नशों के सेवन तथा अन्य अपराध करने के साथ-साथ जेल के अंदर रहते हुए ही मोबाइल फोन तथा इंटरनैट की सहायता से सलाखों के बाहर अपनी आपराधिक गतिविधियां चलाना आम बात हो गई है। कुछ उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

* 8 मई को कोरोना संक्रमित कैदियों को अलग रखने के लिए रेवाड़ी शहर में हत्या, अपहरण, डकैती जैसे गंभीर अपराधों में शामिल 13 कैदी जेल की ग्रिल काट कर फरार हो गए।  
* 6 जून को उत्तर प्रदेश की हाई सिक्योरिटी बांदा डिवीजनल जेल से, एक विचाराधीन कैदी अधिकारियों को चकमा देकर फरार हो गया।
* 30 जून को लुधियाना सैंट्रल जेल का हैड वार्डर रविंद्र सिंह 70 ग्राम नशीला पाऊडर व त बाकू जूतों में छिपा कर जेल के अंदर ले जाता पकड़ा गया।
* 2 जुलाई को फिरोजपुर जेल में 3 कैदियों से हैरोइन बरामद की गई। 

* 10 जुलाई को बेंगलुरू सैंट्रल जेल में छापेमारी के दौरान भारी सं या में घातक हथियार, नशीले पदार्थ और मोबाइल फोन जब्त किए गए।
* 11 जुलाई को सैंट्रल जेल फिरोजपुर में महिला कैदियों से झगड़ा होने पर 2 महिला हवालातियों ने उन्हें जमकर पीटा और जब जेल स्टाफ उन्हें छुड़ाने आया तो महिला हवालातियों ने जेल स्टाफ की भी वर्दी फाड़ दी।

* 12 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट सियांग जिले की पासीघाट जेल से 7 कैदी जेल रक्षकों की आंखों में मिर्च झोंक कर फरार हो गए।
* 13 जुलाई को नाभा सैंट्रल जेल से 2 कैदियों को भारत सरकार के नाम से फर्जी वैबसाइट चलाते पकड़ा गया। 

* 13 जुलाई को बिहार के औरंगाबाद जिले में ‘बभंडी’ स्थित नवनिर्मित बाल सुधार गृह में गंभीर अपराधों में बंद 6 बाल कैदी भाग निकले।
* 14 जुलाई को होशियारपुर की केंद्रीय जेल में 6 खूंखार कैदियों के एक गुट ने हमला करके 2 हवालातियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
उक्त घटनाएं जेलों की घटिया सुरक्षा व्यवस्था के प्रमाण हैं। यदि इन्हें रोकने के लिए पर्याप्त चौकसी न बढ़ाई गई तो ये और बढ़ेंगी। अत: इनमें संलिप्त लोगों और अधिकारियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई किए बिना इस स्थिति में सुधार की आशा करना व्यर्थ होगा। —विजय कुमार 

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