वैश्विक कम्पनियों को आकर्षित करने के लिए दूर करनी होंगी वर्तमान समस्याएं

Edited By ,Updated: 03 Jan, 2022 05:27 AM

to attract global companies the current problems have to be solved

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार केन्द्र सरकार ने आईफोन तथा अन्य गैजेट्स बनाने वाली दिग्गज बहुराष्ट्रीय कम्पनी एप्पल से दुनिया भर में अपने उत्पादों की आपूर्ति के लिए उत्पाद तैयार करने

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार केन्द्र सरकार ने आईफोन तथा अन्य गैजेट्स बनाने वाली दिग्गज बहुराष्ट्रीय कम्पनी एप्पल से दुनिया भर में अपने उत्पादों की आपूर्ति के लिए उत्पाद तैयार करने के मकसद से भारत को ‘ग्लोबल सोर्सिंग बेस’ के रूप में विकसित करने के लिए कहा है। 

केंद्र सरकार ने एप्पल को प्रस्ताव दिया है कि वह भारत के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए अगले 5-6 वर्षों में भारत में 50 बिलियन डॉलर मूल्य का वार्षिक उत्पादन करे। इसके अंतर्गत वर्तमान में भारत में बन रहे आईफोन के अलावा विस्तार करते हुए मैकबुक, आईपैड, एयर पॉड और घडिय़ों का निर्माण भी किया जाएगा। 

एप्पल के साथ हुई बातचीत में सरकार ने बताया है कि देश में इलैक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए एक सक्षम वातावरण स्थापित किया जा रहा है जिसमें निर्यात पर बड़ी नजर है। हालांकि एप्पल के शीर्ष उत्पादन भागीदारों-फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन-की ताइवान तिकड़ी ने भारत में अपने बेस स्थापित किए हैं लेकिन उनकी क्षमता एप्पल की वैश्विक जरूरतों की तुलना में नाममात्र है। दूसरी ओर, चीन में ही एप्पल के अधिकांश उत्पादों का निर्माण होता है जो अनुमानत: 95 प्रतिशत है। 

भारत में होने वाले उत्पादन का एक हिस्सा निर्यात किया जाता है। हालांकि इसके अन्य उत्पादों को यहां नहीं बनाया जाता और उनका केवल आयात होता है। वर्तमान में केवल आईफोन ही भारत में बनते हैं, लेकिन उनमें से भी नवीनतम आईफोन 13 अभी तक बनने शुरू नहीं हुए हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार कम्पनियों को भारत में निर्माण बेस स्थापित करने के लिए सक्षम वातावरण तैयार करने के प्रस्ताव के अंतर्गत प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसैंटिव (पी.एल.आई.) स्कीमें शामिल हैं ताकि कम्पनियों को भारत में निवेश करने और विकसित होने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके अलावा, कैपिटल सब्सिडी प्लान भी दिए जा रहे हैं, जैसे कि सैमीकंडक्टर निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत  सरकार ने निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए 10 बिलियन डॉलर की मदद करने का प्रस्ताव रखा है। 

बेशक केन्द्र सरकार की यह पहल तथा विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं प्रशंसनीय हैं परंतु वर्तमान में भारत को वैश्विक निर्माण केन्द्र बनाने में सामने आ रही चुनौतियों तथा समस्याओं को ध्यान में रखना और समय रहते उन्हें दूर करना भी जरूरी है। उदाहरण के लिए इन दिनों तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित फॉक्सकॉन की एक फैक्ट्री में कुछ दिनों से ताला पड़ा है। लगभग 17000 लोगों को काम देने वाली यह फैक्ट्री तब से बंद पड़ी है जब पिछले सप्ताह कर्मचारियों ने खराब भोजन मिलने के चलते विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। यह विरोध तब शुरू हुआ जब फैक्ट्री के एक होस्टल में फूड पॉयजङ्क्षनग के कारण 250 से अधिक महिला कर्मचारी बीमार हो गईं। 

प्रदर्शनकारियों ने खराब भोजन को इसका कारण बताया और काम बंद करके परिस्थितियां बेहतर करने की मांग शुरू कर दी। शुरूआत में कई कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में रिहा कर दिया लेकिन तब से होस्टल में रहने वाली और अन्य कर्मचारियों के लिए काम करने के बेहतर हालात बनाने के लिए मांग लगातार जारी है। एप्पल ने इस मामले को गम्भीरता से लिया है। उसने फॉक्सकॉन प्लांट में खाद्य सुरक्षा और आवास की स्थितियों का मूल्यांकन करने के लिए ऑडिटर्स की टीम भेजी है और इस फैक्ट्री को ‘प्रोबेशन’ पर डाल दिया गया है। एप्पल ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि ‘प्रोबेशन’ पर होने का क्या अर्थ है लेकिन अतीत में उसने ‘प्रोबेशन’ पर डाली कम्पनियों को समस्याओं का समाधान होने तक नया बिजनैस देने से इंकार कर दिया था। 

फॉक्सकॉन की फैक्ट्री में जो हुआ वह भारत में एप्पल के सप्लायर के साथ एक साल के भीतर दूसरी बार हुआ है। दिसम्बर 2020 में विस्ट्रॉन कॉर्प नामक सप्लायर की फैक्ट्री में कर्मचारियों ने तोड़-फोड़ की थी। आरोप था कि भुगतान न होने के कारण विरोध कर रहे इन कर्मचारियों ने 6 करोड़ डॉलर का नुक्सान पहुंचाया था। ऐसे में यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत में कार्य-संस्कृति व नीतियां बेहतर हों। 

ऐसी और घटनाओं होती रहीं तो मल्टीनैशनल कम्पनियां भारत में आने से पहले दो बार सोचेंगी। पहले ही वे यहां जरूरी स्वीकृतियां न मिलने या मिलने में होने वाली देरी के चलते परेशान रही हैं। साथ ही टैक्स को लेकर भी उनकी शिकायतें हैं क्योंकि भारत उनके लिए ‘टैक्स हैवन’ नहीं है। इनके बावजूद यदि हम चाहते हैं कि वे भारतीय वर्क फोर्स और भारतीयों के दिमाग या प्रतिभा का लाभ लेने के लिए भारत में निवेश करें तो हमें अपने यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और काम करने के हालात को ठीक करना होगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!