विजयी विश्व तिरंगा प्यारा

Edited By ,Updated: 15 Aug, 2023 04:11 AM

victorious world tricolor lovely

‘झंडा ऊंचा रहे हमारा’ 15 अगस्त, 1947 को सैंकड़ों वर्षों की गुलामी से मुक्ति के पश्चात आज हम अपनी स्वतंत्रता के 77वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। यह स्वतंत्रता हमें लम्बे संग्राम के दौरान असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों से प्राप्त हुई,...

‘झंडा ऊंचा रहे हमारा’ 15 अगस्त, 1947 को सैंकड़ों वर्षों की गुलामी से मुक्ति के पश्चात आज हम अपनी स्वतंत्रता के 77वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। यह स्वतंत्रता हमें लम्बे संग्राम के दौरान असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों से प्राप्त हुई, जिन्हें आज नई पीढ़ी भूलती जा रही है। देश विभाजन के समय पंजाब और बंगाल का बंटवारा हो गया और इनका आधा-आधा हिस्सा पाकिस्तान में चला गया। विभाजन के बाद पाकिस्तान से उजड़ कर मात्र 2 कपड़ों में भारत आए लोगों में से अब अधिकांश इस दुनिया में नहीं हैं और उनकी अधिकतर संतानों को इस बात का एहसास तक नहीं कि उनके पूर्वज देश के बंटवारे से पहले कहां रहते थे, क्या करते थे और कितनी मेहनत से उन्होंने अपनी संतानों को पाल-पोस कर बड़ा करके ऊंचे रुतबों तक पहुंचाया। 

देश की स्वतंत्रता के समय हमारी जनसंख्या 33 करोड़ के लगभग थी, जो अब बढ़ कर 140 करोड़ हो गई है। जनसंख्या के मामले में बढ़ौतरी करने के साथ-साथ देश ने अन्य अनेक क्षेत्रों में भी भारी विकास करके विश्व के अग्रणी देशों में अपना स्थान बनाने में सफलता प्राप्त की है। देश के ओर-छोर में रेल, बस और विमान सेवाओं का जाल फैल गया है। बड़ी संख्या में नए रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और नए-नए कारखानों का निर्माण हुआ है। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य जनसुविधाओं तथा लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। देश में सरकारें बदल-बदल कर आ रही हैं। प्रधानमंत्री के पद पर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रधानमंत्री कम या पूरे कार्यकाल के लिए शासन कर चुके हैं। लोकतंत्र के कारण शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन हो रहे हैं। विभिन्न राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं के दल सत्तारूढ़ हैं। 

हमारी स्वतंत्रता के प्रारंभिक वर्षों में एक समय ऐसा भी आया था जब देश में खाद्यान्न का संकट था और सरकार को विदेशों से गेहूं का आयात करना पड़ता था, परंतु आज भारत न सिर्फ खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है बल्कि विश्व के जरूरतमंद देशों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाने वाला ‘अन्न का कटोरा’ भी सिद्ध हो रहा है। खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ आज हमारा देश रक्षा उत्पादन में भी आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ अंतरिक्ष अनुसंधान में भी विश्व के अग्रणी देशों के साथ मुकाबला कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) न सिर्फ अंतरिक्ष में दूसरे देशों के उपग्रह भेज रहा है, बल्कि अपने कई उपग्रहों के अलावा ‘चंद्रयान’ का सफल प्रक्षेपण भी किया है। 

देश ही नहीं, विदेशों में भी भारतीय समुदाय के लोग देश का गौरव बढ़ा रहे हैं और विभिन्न देशों में प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक आदि सहित राजनीतिक और प्रशासनिक पदों पर आसीन होकर वहां की तरक्की में अपना योगदान दे रहे हैं। इन उपलब्धियों के साथ-साथ देश को कुछ आपदाओं में से भी गुजरना पड़ा। वर्ष 2019-20 में विश्व के साथ-साथ भारत को भी कोरोना महामारी ने अपनी लपेट में ले लिया, जिसके कारण लगभग 2 वर्षों की अवधि में भारत में आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 5,23,975 लोगों की मौत हुई। और अब देश में पिछले कुछ समय से जारी प्राकृतिक प्रकोपों : भूकंप, बाढ़ों, भूस्खलनों और तूफानों आदि से तबाही मची हुई है।

शायद ही कोई राज्य इन आपदाओं से बचा हो, जिसे देखते हुए कई बार तो ऐसा लगता है कि जैसे प्रलय आ गई हो। लेकिन पहले की भांति ही भारत सब खतरों का सफलतापूर्वक सामना करके सुरक्षित बाहर निकल रहा है और आज देश की भाग्यशाली जनता अपने राष्ट्र का स्वतंत्रता का पर्व मना रही है, जिसके लिए हम सभी भारतीयों को बधाई और शुभकामनाएं भेंट करते हैं। हमारी स्वतंत्रता प्राप्ति का यह दिन हमें भारतीय होने का गर्व प्रदान करता है। हम भारतीयों का यह सबसे बड़ा उत्सव और सबसे महान पर्व है, जिसे हम ‘भारत पर्व’ कहें तो गलत न होगा।विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।—विजय कुमार
    

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