अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन के 100 दिनों का लेखा-जोखा

Edited By ,Updated: 30 Apr, 2021 03:59 AM

100 days account of us president biden

के वर्तमान राष्ट्रपति 78 वर्षीय जो बाइडेन ने 20 जनवरी 2021 को अपना पद स भाला था। 30 अप्रैल को उन्होंने अपने महत्वपूर्ण पद पर कार्य करते हुए 100 दिन पूरे कर लिए हैं। किसी भी राष्ट्र प्रमुख के कार्यकाल

अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति 78 वर्षीय जो बाइडेन ने 20 जनवरी 2021 को अपना पद स भाला था। 30 अप्रैल को उन्होंने अपने महत्वपूर्ण पद पर कार्य करते हुए 100 दिन पूरे कर लिए हैं। किसी भी राष्ट्र प्रमुख के कार्यकाल के लेखे-जोखे का मूल्यांकन संबंधी इंसाफ स भव नहीं। मगर जार्ज वाशिंगटन यूनिवॢसटी की प्रमुख राजनीति शास्त्र विज्ञानी लारा ब्राऊन के अनुसार ‘‘पहले 100 दिन किसी भी राष्ट्रपति के प्रारंभिक नेतृत्व में कार्यशैली का बहुत ही महत्वूपर्ण संकेत होते हैं।’’ यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ये दिन किसी राष्ट्रपति के कार्य विवरण की शुरूआज होती है, अंत नहीं। 

19वीं शताब्दी के अमरीकी राष्ट्रपतियों का इतिहास दिखाता है कि वे 100 दिन क्या पूरे कार्यकाल में कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज नहीं करवा सके, सिवाय तीसरे राष्ट्रपति थॉमस जैफरसन के, जिन्होंने लुसियाना को अमरीकी संघ में शामिल किया और 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने देश को एकजुट रखने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी ने तो अपने उद्घाटन भाषण में अपनी नई फ्रंटियर योजना का जिक्र करते हुए कहा था कि यह 100 या 1000 दिनों या उनके कार्यकाल के या हमारे जीवन काल में पूरी होने वाली नहीं मगर आओ शुरूआत करें। 

मगर 9 दशकों बाद अमरीका के 32वें महान राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रुजवेल्ट की तरह घोर संकटों में फंसे इस 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विकास तथा उज्ज्वल भविष्य के मार्ग की ओर ले जाने की शुरूआत की है। 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी पहले 100 दिनों में राष्ट्रपति रुजवेल्ट की तरह काम करने का ऐलान किया था मगर वह पूरा नहीं कर सके थे बल्कि सैक्स स्कैंडल में फंस कर खुद व व्हाइट हाऊस को कलंकित किया।

वर्ष 1933 में जब फ्रैंकलिन डी. रुजवेल्ट ने देश के राष्ट्रपति का पदभार स भाला तो अमरीका घोर आर्थिक मंदी का शिकार था। देश के एक-चौथाई लोग बेरोजगार थे। लाखों लोग झुग्गी-झोंपडिय़ों, गंदे स्थानों व स्वास्थ्य व स्वच्छता सुविधाओं के बिना रहने को मजबूर थे। पूंजीपति प्रणाली का संकट सिर चढ़कर बोल रहा था। मगर इस हि मती, दूरंदेशी तथा राजनीतिक इच्छाशक्ति के मालिक राष्ट्रपति ने अपनी ‘न्यू डील’ नीति के अन्तर्गत पहले 100 दिनों में ऐतिहासिक 15 बिल अमरीकी कांग्रेस में पास करवाकर राष्ट्र कीवित्तीय तथा कृषि प्रणाली को पुन: खड़ा करने की दिशा में बड़ा प्रोत्साहन दिया। 

जो बाइडेन द्वारा राष्ट्रपति पद की शपथ लिए जाने के समय विश्व की महाशक्ति के तौर पर जाना जाता अमरीका कोविड-19 महामारी, आॢथक मंदी, बेरोजगारी, नस्लीय विभाजन तथा अत्यंत भेदभाव, ङ्क्षहसा व नफरत के वातावरण का शिकार था। कोविड-19 महामारी के कारण 4 लाख अमरीकी मारे जा चुके थे और यह सं या रुकने का नाम नहीं ले रही थी। करीब 10 मिलियन अमरीकी बेरोजगार हो चुके थे। नस्लीय भेदभाव के कारण राष्ट्र सा प्रदायिक-नस्लीय बंटवारे की कगार पर खड़ा दिखाई दे रहा था। ऐसी घरेलू तथा आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए राजनीतिक तौर पर अनुभवी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जो 1973 से 2009 तक डेलावेयर राज्य से सीनेट का प्रतिनिधित्व करते रहे, 2009 से 2017 तक देश के उपराष्ट्रपति रहे, ने पूरा एक महीना राष्ट्रपति रुजवेल्ट मॉडल का गहन अध्ययन किया। 

व्हाइट हाऊस के प्रमुख ने बताया कि राष्ट्रपति ने देश के समक्ष समस्याओं,कोविड-19 महामारी, बेरोजगारी, आर्थिक बदहाली, नस्लीय भेदभाव के विरुद्ध पूरी ताकत से ठोस कदम उठाने पर इस कार्य की सफलता हेतु अपनी सक्षम कैबिनेट का गठन किया। करीब 7 जरूरी बिल कांग्रेस में पारित करवाने में सफलता प्राप्त की। 

राष्ट्रपति जो बाइडेन की कैबिनेट में 55 प्रतिशत अश्वेत, 45 प्रतिशत महिला सदस्य शामिल हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र प की कैबिनेट में 82 प्रतिशत गोरे तथा 82 प्रतिशत पुरुष शामिल थे। राष्ट्रपति बराक ओबामा कैबिनेट में 55 प्रतिशत गोरे तथा 64 प्रतिशत पुरुष शामिल थे। इस तरह से राष्ट्रपति बाइडेन ने राष्ट्रीय एकजुटता तथा स मान को सामने रखते हुए विभिन्न वर्गों को तथा हुनरमंद श िसयतों को अपनी कैबिनेट में जगह दी है। स्याहफाम जनरल लॉयड आस्टिन को रक्षा सचिव, एंटनी ब्लिंकन को गृह सचिव, जानी-मानी अर्थशास्त्री जेनेट येलिन को वित्त सचिव, अमरीकी इतिहास में पहली बार स्थानीय कबाइली नेता बीबी देब हालांड को वातावरण तथा कबाइली व्यवस्था संबंधी आंतरिक सचिव बनाया। अपने अटार्नी जनरल मेरिक  गारलैंड को डोनाल्ड ट्र प की तरह अपना नहीं बल्कि पूरी अमरीकी कौम का वकील दर्शाया। 

कोरोना महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण अभियान तेज किया। पहले 100 दिनों में 100 मिलियन अमरीकियों का टीकाकरण किया गया। मास्क पहनना अनिवार्य किया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि कोरोना से 7 लाख अमरीकी मर सकते हैं, अत: यह सं या सीमित करने के लिए हर तरह के कदम उठाए गए। जरूरतमंद अमरीकियों को 1400 डॉलर प्रति व्यक्ति अदा किए गए। कोरोना वायरस रिलीफ फंड के लिए 1.9 ट्रिलियन डॉलर जारी किए गए। 2020 में इसका फैलाव 58 प्रतिशत था, जो अब 47 प्रतिशत पर आ चुका है। 

2 ट्रिलियन डॉलर की प्राथमिक ढांचा स्थापना योजना बनाई गई है। इस योजना को 44 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है। इसके लिए धन अमीर कार्पोरेट घरानों से इक_ा किया जाएगा। 4 लाख सालाना आय वाले अमरीकियों के कर में वृद्धि नहीं की जाएगी। इस समय अमरीका में प्रति घंटा उजरत 7.25 डॉलर है जो बढ़ाकर 15 डॉलर की जाएगी। छोटे कारोबारियों के लिए 15 बिलियन डॉलर की सहायता का निर्णय किया गया है। 11 सित बर 2021 तक अफगानिस्तान में तैनात अमरीकी सेना वापस बुलाने का निर्णय लिया गया है। यह कार्य 1 मई से शुरू हो जाएगा। मगर भविष्य में अलकायदा या तालिबान ने अमरीका के विरुद्ध कार्रवाई की तो अमरीकी आतंकवाद विरोधी दस्ते इनके विरुद्ध हर समय तैयार हैं। 

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अमरीका में आने पर पाबंदी, पैरिस जलवायु समझौते से वापसी, ईरान के साथ परमाणु समझौता तोडऩा, विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर आने संबंधी निर्णय शपथ ग्रहण करने के कुछ घंटों बाद ही राष्ट्रपति बाइडेन ने बदल दिए। ट्रांसजैंडरों को दोबारा सेना में सेवा की अनुमति दी है। किफायती केयर एक्ट में ट्र प द्वारा डाले गए अवरोध खत्म कर दिए हैं। नाटो संगठन को समर्थन जारी रखने का निर्णय लिया है। ट्रंप द्वारा भारत, जापान, आस्ट्रेलिया के साथ ‘क्वाड’ समझौता, इसराईल द्वारा बहरीन, यू.ए.ई., मोरक्को, सूडान के साथ आॢथक समझौते जारी रखे जाएंगे। 

पृथ्वी को ग्लोबल वाॄमग से बचाने के लिए 2030 तक 1.5 की जगह 1 सैंटीग्रे्रड तक गर्माहट सीमित रखने के लिए 40 देशों से वर्चुअल मीटिंग की गई है। इसमें खरबपति बिल गेट्स तथा माइक ब्लूमबर्ग भी सहयोग करेंगे।अमरीकी विकास में हिस्सा डालने वाले प्रवासियों के पुनर्वास हेतु नई नीति घोषित की गई है। मैक्सिको सीमा पर दीवार का निर्माण रोक दिया गया है। उस सीमा पर ट्रंप प्रशासन द्वारा परिवारों से अलग किए 600 नेत्रहीन बच्चे वापस किए गए हैं। निजी जेलें समाप्त कर दी गई हैं। नस्लीय भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन के साथ टैरिफ नीति में बदलाव लाया जाएगा। 

एक सर्वेक्षण के अनुसार राष्ट्रपति बाइडेन की राष्ट्रीय प्रसिद्धि को उनकी 100 दिनों की बढिय़ा कारगुजारी के कारण 59 प्रतिशत समर्थन प्राप्त हुआ है जबकि पूर्व राष्ट्रपति के लिए यह सिर्फ 39 प्रतिशत था। सचमुच यह प्रौढ़ राष्ट्रपति बढिय़ा शुरूआत का प्रदर्शन कर रहे हैं।-दरबार सिंह काहलों

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