2047 तक चहुंमुखी विकसित भारत

Edited By ,Updated: 22 Feb, 2024 05:40 AM

all round developed india by 2047

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को पूर्ण विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए 3 मूल लक्षणों की आवश्यकता होती है- सशक्त और ईमानदार नेतृत्व, मजबूत आॢथक नीतियां और स्थायी सरकार। नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में पिछले 10 वर्षों से एक स्थायी सरकार चल रही...

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को पूर्ण विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए 3 मूल लक्षणों की आवश्यकता होती है- सशक्त और ईमानदार नेतृत्व, मजबूत आर्थिक नीतियां और स्थायी सरकार। नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में पिछले 10 वर्षों से एक स्थायी सरकार चल रही है, मजबूत आर्थिक नीतियां लागू हो रही हैं और उनका अपना नेतृत्व भारत में ही नहीं अपितु सारे विश्व में एक सशक्त और ईमानदार छवि का निर्माण कर चुका है। इसलिए अब भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होने से कोई रोक नहीं सकता। 

वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश चहुंमुखी उन्नति की ओर अग्रसर है। भारत विश्व में एक प्रबल शक्ति के रूप में उभर रहा है। जिस प्रकार जी-20 देशों के समूह के माध्यम से भारत के नेतृत्व में अनेकों देशों ने वैश्विक सामूहिक प्रस्ताव पारित किया, उससे भारत नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई में विश्व को नेतृत्व देने के स्तर पर पहुंच चुका है। जी-20 देशों  की अनेकों बैठकें भारत के अलग-अलग प्रांतों में आयोजित करके विश्व को भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत का भी परिचय दिया गया है। जी-20 देशों का नेतृत्व करने का अवसर नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत को पहली बार प्राप्त हुआ है। 

500 वर्ष से लंबित राम मंदिर विवाद को समाप्त करके रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा करने के साथ जिस प्रकार समूचा विश्व भारत की राम-कृष्ण संस्कृति को पूरे उत्साह और आस की दृष्टि से देख रहा था, उससे लगता है कि भारत विश्व के लिए केवल राजनीतिक नेतृत्व ही नहीं, अपितु आध्यात्मिक नेतृत्व देने में भी सक्षम है। इस ऐतिहासिक कार्य के बाद अब भारत में सच्चे राम राज की परिकल्पना का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है और इसके साथ ही भारत के कदम विश्व गुरु के रूप में स्थापित होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

विश्व स्तर पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार भारत 2047 तक विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। वर्ष 2047 में हमारा देश स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा। इस लक्ष्य तक पहुंचने से पहले भारत के एक-एक नागरिक को यथासम्भव अपने-अपने स्तर से इस विकास की यात्रा को सम्पन्न करने में योगदान देना ही चाहिए, तभी नरेन्द्र मोदी जी की राजनीति का मूलमंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास’ सार्थक हो पाएगा और तभी भारत अपने सभी नागरिकों को साथ लेकर एक विकसित राष्ट्र बन पाएगा। 

अर्थशास्त्रियों की दृष्टि में अनेकों प्रकार के आंकड़े विकास को परिभाषित करते हैं, परन्तु वास्तव में धरातल पर एक-एक नागरिक की व्यक्तिगत और आॢथक अवस्था यह सिद्ध करती है कि भारत के विकास की गति क्या है। बेरोजगारी को लेकर विरोधी दल बहुत शोर मचाते हैं, परन्तु बेरोजगारी दूर करने के लिए सबसे अधिक आवश्यकता औद्योगिक सम्पन्नता की होती है। इसके लिए भारत में रेलों और सड़कों के माध्यम से तथा अनेकों नए विश्व स्तरीय एयरपोर्ट तैयार करके परिवहन व्यवस्था पर केन्द्र सरकार विशेष उपलब्धियां हासिल करते हुए दिखाई दे रही है। इसके अतिरिक्त भी अनेकों मूलभूत सुविधाओं का नैटवर्क तैयार किया जा रहा है। 

नरेन्द्र मोदी  की सरकार ने स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक नई-नई सुगम परम्पराओं के साथ शिक्षा को भी हर वर्ग के लिए सुगम बनाने का प्रयास किया है। विकास की दौड़ में शिक्षा के बाद दूसरा महत्वपूर्ण कारक नागरिकों का स्वास्थ्य होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से हमारे देश में कुपोषण बहुत बड़ी समस्या है। भारत के नागरिकों को दालों तथा देशी अनाज से प्रोटीन की आपूर्ति अधिक करनी चाहिए। फलों और सब्जियों से विटामिन और धातुओं की आपूर्ति हो सकती है, ऐसे प्रयासों से भारत के घर-घर में स्वस्थ जीवन खड़े होंगे तो अस्पतालों एवं दवाइयों पर होने वाला देश का बहुत बड़ा खर्च बचाया जा सकता है। भारत में अभी भी विकसित देशों की अपेक्षा रोग कम हैं। केन्द्र सरकार ने भारत की 80 करोड़ जनता को अनाज और दालें राशन व्यवस्था से पहुंचाने का महान कार्य किया है। भारत के अनेक प्रांतों में एम्स जैसे बड़े-बड़े केन्द्रीय अस्पताल खोलकर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया गया है। 

विकास में बढ़ती हुई जनसंख्या भी एक बड़ी बाधा है। इससे विकास का हिस्सा बढ़ी हुई जनसंख्या के कारण छोटा ही दिखाई देने लगता है। केन्द्र सरकार यदि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का प्रयास कर रही है तो उसका मूल उद्देश्य भी विकास की गति को अधिक स्थायी और प्रभावशाली बनाना है। अर्थव्यवस्था में स्त्रियों की भागीदारी के बिना भारत के विकास को चहुंमुखी विकास नहीं कहा जा सकता। भारत की संसद द्वारा हाल ही में पारित महिला आरक्षण कानून केवल राजनीतिक भागीदारी ही नहीं अपितु भारत की प्रत्येक महिला के लिए एक बहुत बड़े सामाजिक उत्थान का माध्यम बनेगा। नरेन्द्र मोदी सरकार ने कृषि के क्षेत्र में भी किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य से अनेकों सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंचाई हैं। अब ‘ड्रोन दीदी’ योजना के अंतर्गत कृषि महिलाओं को अनेकों नए उत्पाद तैयार करने के लिए प्रेरणाओं के साथ-साथ ऋण जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। 

चन्द्रयान और आदित्य के माध्यम से भारत ने जिस प्रकार अंतरिक्ष शक्तियों का भी सहयोग प्राप्त करना शुरू कर दिया है उससे अब सारी दुनिया के वैज्ञानिक भारत की ओर देखने लगे हैं। देश का युवा, देश का किसान, महिलाएं, मजदूर और कारीगर आदि सभी केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए नि:संदेह भारत को विकसित देश बनाने में सहयोगी होंगे।-अविनाश राय खन्ना, पूर्व सांसद

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!